अमरदीप नारायण प्रसाद
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
जागरूक नागरिक का निर्वहन करते हुए एक तरफ सत्तारूढ़ सरकार की अच्छे कामों की तारीफ तो गलत का विरोध करता हुं । सरकार पूरी तरह विफल।
अच्छे कामों पर मिठाइयाँ भी बांटता हूँ तो दूसरी तरफ जहां लगता है की सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है तो अपनी लेखनी से उसपे प्रहार करने का काम भी किया करता हूँ। आज भी याद है की 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में पूरे राज्य में सरकार ने मानव श्रृंखला कार्यक्रम का आयोजन किया था । हमलोगों ने बढ़-चढ़कर उसमे हिस्सा लिया था। फिर दुबारा दहेज प्रथा और बाल विवाह से होने वाली हानि से आम बिहारियों में जागृति लाने के लिए 21 जनवरी, 2018 को मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया और अब आज तीसरी दफा 19 जनवरी 2020 को जल-जीवन-हरियाली के पक्ष में एवं नशामुक्ति, बालविवाह और दहेज उन्मूलन के खात्मे को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर पुनः इस श्रृंखला का आयोजन किया गया है। मैंने कई लोगों से इस मुद्दे पर बात किया है । लगभग सभी की राय यही है की काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ सकती। वर्तमान मुख्यमंत्री पिछले 16-17 वर्षों से राज्य की सत्ता पर काबिज हैं। किसी भी राज्य की बेहतरी के लिए ये अवधि शायद पर्याप्त होगी, लेकिन क्या बिहार आज बेहतर स्थिति में है।
मैं देखता हूँ जब घर के मुखिया अपने बीवी-बाल-बच्चों, बूढ़े माता-पिता को छोडकर परदेश दिल्ली-पंजाब कमाने जाता है तो उसकी क्या स्थिति होती है। अमरदीप नारायण प्रसाद सिंह की रिपोर्टिंग को राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।