अनुप नारायण सिंह
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।नए साल 2020 की शुरुआत हो चुकी है और बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी है। नव वर्ष में प्रवेश करते ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी है। नए साल में राजनीतिक लड़ाई का तरीका भी नया हो गया है ।आरोप और प्रत्यारोप का एक नया दौर चल चुका है और इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर के अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से तंज कसा है ।उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से एक नया नारा दिया है। अपने नारे में लालू ने लिखा है ‘ दो हजार बीस- हटाओ नीतीश’
लालू के नारे के बाद बिहार की राजनीति बिल्कुल गरमा गई है और एक के बाद एक लगातार जेडीयू नेता आरजेडी,लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार पर लगातार हमलावर है।
लालू के इस नारे पर जेडीयू के नेता और पूर्व विधान पार्षद भूमिपाल राय ने पलटवार किया है। लालू के नारे का जवाब भूमिपाल ने नारों में ही दिया है। भूमिपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा हैयह कोई पहला मौका नहीं है जब जेडीयू के किसी नेता ने इस तरीके से लालू यादव पर तल्ख और तीखा प्रहार किया हो। इससे पहले भी जेडीयू के तमाम नेता लगातार राजद के शासनकाल की तुलना जंगलराज से करते आ रहे हैं और इस बार लालू यादव और राजद पर पलटवार करने के लिए मोर्चा संभाला है जेडीयू नेता भूमिपाल राय ने।
भूमिपाल राय यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि लालू के शासन को याद कर आज भी बिहार की जनता सिहर उठती है।उस शासन में अपहरण एक उद्द्योग का रूप ले लिया था।शासन संरक्षित अपराध चरम पर था।शाम होते ही लोग घर मे दुबक जाते थे।लोगो के पास पैसा रहने पर भी गाड़ी नही खरीदा जाता था।मकान नही बनाया जाता था।सत्ता का नंगा खेल इतना भयावह था कि न्यायालय ने टिप्पणी में तत्कालीन सरकार को कठघरे में खड़ा कर जंगलराज का संज्ञा दिया था।चुनावी साल है इसलिए महीने दर महीने आप लोगों को ऐसे ही नारो और ऐसे ही राजनीतिक टकराव देखने को मिल सकता है। अब आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता लालू के नारे के समर्थन में आती है या फिर नीतीश कुमार पर भरोसा करती है जैसा कि जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद भूमिपाल राय ने दावा किया है। समस्त्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित।