संवाद
बिहार में प्रतिदिन हो रहा एक प्राथमिक शिक्षक पर एफआईआर क्यों हो रहा है? मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक आकंड़ों के मुताबिक पिछले चार सालों में अबतक 1521 शिक्षकों पर मामला दर्ज किया जा चुका है. इस तरह पिछले करीब चार साल (1460 दिन) में रोजाना एक से अधिका प्राथमिक शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है.नियोजित शिक्षकों की जांच को करीब चार साल से अधिक होने को जा रहा है और अबतक नियोजित शिक्षकों के 2.13 लाख दस्तावेजों की ही जांच हो पाई है. 10 लाख से अधिक दस्तावेजों की जांच अभी भी बाकी है.जानकारी के मुताबिक तीन लाख 65 हजार 152 प्रारंभिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है. 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों की जांच पूरी की जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक हर शिक्षक के कम से कम चार दस्तावेजों की जांच की जा रही है.इन चार दस्तावेजों में क्लास 10 से गेजुएशन तक के सर्टिफिकेट और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट पर खास फोकस किया जा रहा है.
जनकारी के मुताबिक जो भी अबतक जो जांच की गई है उसमें सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा शैक्षणिक दस्तावेजों में किया गया है. आपको बता दें कि राज्य के सभी 38 जिलों में जांच का काम जारी है. इसके लिए निगरानी ने हर जिले में 2 अधिकारी को लगाया है.
बिहार में प्रतिदिन हो रहा एक प्राथमिक शिक्षक पर एफआईआर क्यों हो रहा है? मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक आकंड़ों के मुताबिक पिछले चार सालों में अबतक 1521 शिक्षकों पर मामला दर्ज किया जा चुका है. इस तरह पिछले करीब चार साल (1460 दिन) में रोजाना एक से अधिका प्राथमिक शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है.नियोजित शिक्षकों की जांच को करीब चार साल से अधिक होने को जा रहा है और अबतक नियोजित शिक्षकों के 2.13 लाख दस्तावेजों की ही जांच हो पाई है. 10 लाख से अधिक दस्तावेजों की जांच अभी भी बाकी है.जानकारी के मुताबिक तीन लाख 65 हजार 152 प्रारंभिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है. 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों की जांच पूरी की जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक हर शिक्षक के कम से कम चार दस्तावेजों की जांच की जा रही है.इन चार दस्तावेजों में क्लास 10 से गेजुएशन तक के सर्टिफिकेट और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट पर खास फोकस किया जा रहा है.
जनकारी के मुताबिक जो भी अबतक जो जांच की गई है उसमें सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा शैक्षणिक दस्तावेजों में किया गया है. आपको बता दें कि राज्य के सभी 38 जिलों में जांच का काम जारी है. इसके लिए निगरानी ने हर जिले में 2 अधिकारी को लगाया है.