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बिहार के सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है 07 फरवरी को लव यू दुल्हन


कुशहा त्रासदी के उस खौफनाक मंजर के बीच अमर प्रेम को भावुक तरीकें से पर्दे पर उतार रहे हैं मनोज श्रीपति। मनोज श्रीपति की आने वाली मैथिली फ़िल्म ‘लव यू दुलहिन इसी घटना के पृष्टभूमि पर बनी है। 

अनूप नारायण सिंह 
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 05 फरवरी,20 ) । बिहार के सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है 07 फरवरी को लव यू दुल्हन । 18 अगस्त 2008 को कोसी ने अपनी सीमाएं लांघ दी थी और जो तस्वीर बदली वो इतिहास के काले पन्ने में समा गया। दिशाहीन भागमभाग, अफरा-तफरी, सबकुछ अनिश्चित, सबकुछ अनियंत्रित फिर भी जिन्दगी जीत लेने की अथक कोशिश। यही सच था जब कुसहा में कोसी ने लांघ दी थी सारी मर्यादा और उत्तर बिहार के एक बड़े हिस्से में मचा दी थी तबाही। कोसी के कहर को देखते हैं तो बकायदा अपनी जमीन पर मर भी नहीं सके लोग।
कुशहा त्रासदी के उस खौफनाक मंजर के बीच अमर प्रेम को भावुक तरीकें से पर्दे पर उतार रहे हैं मनोज श्रीपति। मनोज श्रीपति की आने वाली मैथिली फ़िल्म ‘लव यू दुलहिन’ इसी घटना के पृष्टभूमि पर बनी है। श्री राम जानकी फिल्म्स के बैनर तले बन रही इस फ़िल्म के निर्माता बिष्णु पाठक और रजनी कान्त है । मैथिली भाषा मे बन रही इस फ़िल्म के निर्देशक मनोज श्रीपति है । 
मनोज श्रीपति कोशी कमिश्नरी के रहने वाले है। उन्होंने कुशहा त्रास्दी को करीब से देखा है। निर्देशक मनोज ने बताया कि त्रासदी में सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार व किशनगंज में भारी तबाही मची थी. सैकड़ों लोग कोसी की बलि चढ़ गये थे। आने-जाने के सारे रास्ते कट गये थे। मनोज के गांव व आसपास के इलाके भी नदी में तब्दील हो गये थे. उन्होंने अपनी नंगी आंखों से उस तबाही को देखा व झेला था। हर एक परिवार एक-दूसरे की ओर मदद भरी निगाह से देखते थे। लोग पानी से बाहर निकलना भी चाहते थे और घर के सामान सहित मवेशियों को भी बचाना चाहते थे। भीषण बाढ़ ने छोटे-बड़े, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब सबके बीच के फर्क को मिटा दिया था। लोगों के बचाव के लिए सेना को बुलाया गया था। सरकार ने मेगा कैंप लगा बाढ़ पीड़ितों की भरपूर सेवा की थी। फिल्म ‘लव यू दुल्हिन’ में बाढ़ से मार्ग के टूटने व परिवार के टूटने के दर्द को फिल्माया गया है। निर्देशक मनोज श्रीपति ने बताया कि मैथिली में पहले भी फिल्में बनी हैं। लेकिन, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने में सफलता नहीं मिली. इसी प्रयास में इस फिल्म का निर्माण हुआ है। उन्होंने बताया कि फिल्म की शूटिंग बेगूसराय, बखरी, सिमरिया घाट, चिल्का झील में हुई है. यह पूरे परिवार के साथ देखने योग्य है। फिल्म में बिहार की संस्कृति व संस्कार को भी दिखाया गया है।
भोजपुरी फिल्म के चर्चित निर्देशक श्री मनोज श्रीपति के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में मिथिला के सुप्रसिद्ध गायक विकास झा ने एवम सुर संग्राम विजेता आलोक ने अभिनय किया है । जिन दोनों का बिहार में अपना बाजार है । जबकि नायिका प्रतिभा पांडे एवं इंनु श्री ने फ़िल्म को पूर्ण ग्लैमरस बना दिया है। फ़िल्म में सम्पूर्ण बिहार के सबसे लोकप्रिय संगीतकार धनंजय मिश्रा ने संगीत दिया है जिनके नाम सैकड़ो हीट गीत है, जबकि कई गायकों को अपने गीत से स्थापित कर चुके गीतकार सुधीर कुमार एवं विक्की ने फ़िल्म में गीत लिखा है, कल्पना, इंदु सोनाली, विकास झा, देवानन्द झा, आलोक के स्वर फ़िल्म के म्यूजिकल हिट की गारन्टी देती है। वही अमित कश्यप, विजय मिश्र, भूमिपाल राय, शुभनारायन झा ,संजय सिंह सारथी का अभिनय फ़िल्म के कई डायलॉग को सदा के लिये अमर करने का दम रखती हैं,। टेक्निकली साउंड, म्यूजिकल मस्त, सवेंदनात्मक पटकथा एवं सुच्चा अभिनय इस फ़िल्म के संग मैथिली फ़िल्म का बाज़ार तैयार करने में सामर्थवान दिखती है। अनूप नारायण सिंह की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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