ब्रेड खरीदने वालों की संख्या लगभग चार लाख के आसपास है। अब इनका बजट बिगड़ने वाला है। दरअसर, शहर में ब्रेड की कीमत तीन साल बाद बढ़ा दी गई है। लोगों को अब छोटी ब्रेड पर तीन और बड़ी पर 11 रुपए तक अधिक खर्च करने होंगे। बिहार में हर दिन औसतन 2 करोड़ रुपए की ब्रेड खाने में इस्तेमाल होती है। 10 से 12 कंपनियों के ब्रेड बाजार में उपलब्ध हैं। पिछले तीन वर्षों में मैदा, रिफाइन, चीनी की कीमत व मजदूरी दर लगातार बढ़ी है। इस कारण बिहार बेकरी एसोसिएशन ने सभी की कीमत एक समान बढ़ाने का फैसला लिया है। हालांकि, मोरिश और मदर ने दो दिन पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं। मंगलवार से खरीददारों को नई दर पर ब्रेड खरीदनी होगी।
पिछले तीन वर्षों में मैदा प्रति किलोग्राम पांच से छह रुपए महंगा हुआ है। रिफाइन और चीनी की कीमत भी छह से 10 रुपए तक बढ़ी है, जबकि मजदूरी दर 15 से 20 फीसदी तक बढ़ी है। इससे ब्रेड बनाने से लेकर पहुंचाने तक में नुकसान हो रहा था। मार्जिन को कम करने और फायदे को बढ़ाने को लेकर बेकरी एसोसिएशन ने दाम बढ़ाने का निर्णय लिया है। 14 तरह की ब्रेड की नई दरों की सूची जारी कर दी गई है। जानकारी के अनुसार फिलहाल मॉरिश ने 5 रुपये प्रति पैकेट तक दाम बढ़ा दिया है.