अब पंचायत स्तर पर भी बनाया जा रहा है गोल्डन कार्ड
:युगेश्वर कुमार राजा, डिविजनल कॉर्डिनेटर,प्रोग्राम -सीएफएआर
कोशी क्षेत्रीय प्रक्षेत्र, सहरसा
सहरसा,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 25 फरवरी,20 ) । आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक जिले में 52916 परिवारों के 104176 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड दिए जा चुके हैं। जिसमें योजना के तहत लोगों के ईलाज पर लगभग 102 करोड़ रुपये ख़र्च भी किए गए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में लोगों के ईलाज पर होने वाले व्यय में केंद्र और राज्य के मध्य 60:40 का अनुपात होता है। जिसमें वर्ष 2018-19 में निःशुल्क एवं बेहतर ईलाज प्रदान करने के लिए 88.27 करोड़ रुपये केंद्रीय सरकार तथा 50 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा बिहार को प्राप्त हुए थे।
संख्या में निरंतर वृद्धि:-
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी विनय रंजन ने बताया संशोधित हेल्थ बेनिफिट पैकेज के तहत 270 बीमारियों के ईलाज में खर्च होने वाली धनराशि में भी बढ़ोतरी की गयी है। इससे अधिकाधिक निजी अस्पताल इस योजना से जुड़ सकेंगे. साथ ही इसके लिए पंचायत स्तर पर सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है. अब लोग अपने पंचायतों में ही गोल्डेन कार्ड बनवा सकते हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत कई रोगों का फ्री इलाज:-
आयुष्मान भारत योजना के तहत हड्डी, ऑर्थो, बर्न, नसबंदी, प्रसव, नवजात शिशु, इमरजेंसी रूम पैकेज, जानवर के काटने पर इलाज, शरीर के अंग के टूटने पर प्लास्टर, फूड प्वाइजनिंग, हाई फीवर का इस टीनएज, नवजात शिशु, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन आदि के मुफ़्त ईलाज का प्रावधान है।
यह है योजना:-
वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज करा सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है। योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं। लिस्ट में नाम जांचने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है।
ये कागजात हैं जरूरी:-
इन दोनों कागजातों के अलावा लाभुकों को आधार कार्ड, राशन कार्ड या पीएम लेटर से कोई एक दस्तावेज लगाना अनिवार्य है। तभी लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जा सकता है। राजीव रंजन कुमार की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।