बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है कि पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को 4 लाख नियोजित शिक्षकों के हित में एक बड़ा आदेश पारित किया है . कोर्ट ने मुख्य सचिव को कहा कि वह 4 महीने के अंदर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं की तरह ही नियोजित शिक्षकों को सारी सुविधाओं का लाभ देना होगा राज्य सरकार को उल्लेखनीय है कि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी मान लिया जाएगा तो रूल-रेगुलेशन व वेतन आदि सब सरकारी कर्मचारियों की भांति हो जाएंगे। नियोजित शिक्षक राज्य के कर्मचारियों की तरह ही कार्य करते हैं। इसके बावजूद सरकार इन शिक्षकों से दोयम दर्जे का व्यवहार करती है।मालूम हो कि 2014 में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षकों की बहाली हुई थी। 2006 में उन्हें शिक्षा मित्र कहा जाता था। बाद में 2010 में शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू कर दी गई। इसके बाद भी वे नियोजित शिक्षक ही कहे जाते हैं।इसपर कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव को चार महीने में उनके आवेदन पर गंभीरता से सोचना चाहिए। इसमें दो मत नहीं है कि अपील इन शिक्षकों के हित में पारित हुआ था।
यदि हाईकोर्ट का आदेश सरकार मान लेती है तो बिहार में चार लाख शिक्षको को बहुत ही ज्यादा फायदेमंद रहेगा।