आपको याद है बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का आंकड़ा 300 से ऊपर पहुंच गया था । बिहार में फैले इस चमकी बुखार को लेकर आम हो खास हर कोई परेशान था। लेकिन अब एक खुलासा पीएमसीएच पटना के डोक्टारो ने किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के प्रोजेक्ट के तहत पीएमसीएच पटना ने मुज़फ्फरपुर में हो रहे बच्चों के मौत का अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया की बच्चों की मौत की असली वजह एईएस नहीं है, बल्कि मौत का कारण स्क्रब टाईफस नामक एक बैक्टीरिया है जो चूहों या छोटे जानवरों से इंसानों में फैलता है।
पीएमसीएच पटना द्वारा मुजफ्फरपुर में हो रहे बच्चों की मौर पर किए गए रिसर्च की रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंटेम्पररी पीडियाट्रिक्स में भी प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्मी के दिनों में पुराने कपड़े में स्क्रब टाईफस नमक बैक्टीरिया पैदा होते है और चूहे या छोटे जानवरों को पहले संक्रमित करते है। संक्रमित छोटे जानवरों से यह फिर इंसानों में फैलता है।
पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर में लगभग 300 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। पीएमसीएच में शिशु विभाग के अध्यक्ष और प्रोज़ेक्ट हेड डॉक्टर अनिल कुमार बताते है कि पिछले वर्ष हुए बच्चों की मौत के कारणों को जानने के लिए 500 बीमार बच्चों पर अध्ययन किया गया।
रिसर्च में यह पाया गया कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का कारण एईएस नहीं बल्कि स्क्रब टाईफस नामक बैक्टीरिया है। इसमें यह भी खुलासा हुआ की बच्चों के मौत का लीची से कोई लेना देना नहीं है