सरकार और शिक्षाकर्मी में संघर्ष इन दिनों देखने को मिल रहा है तो एक डर भी सरकार और शिक्षकों को सरकार को वोट बैंक का डर शिक्षकों को बर्खास्त होने का डर पर बिहार के नियोजित शिक्षक आक्रोशित हैं। ये लोग अपने आप को सरकारी सुविधाओं से अछूत महसूस कर रहे हैं। क्योंकि सरकार ज्यादातर योजनाओं में होने वाली खर्चे की रकम में तो कटौती नहीं कर रही है लेकिन शिक्षा विभाग तथा शिक्षकों के वेतनमान में उचित खर्च से बचना चाहती है। एक ही स्कूल परिसर में समान काम के लिए अलग-अलग वेतनमान से नियोजित शिक्षक अपने आप को दोयम दर्जे का नागरिक महसूस कर रहे हैं।मैट्रिक परीक्षा के शुरू होने से पहले घोषित नियोजित शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन शिक्षक और आक्रामक नजर आए। मंगलवार को मांगों के समर्थन में रोड पर प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारे लगाए। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से विद्यालयों में ताला लटक गया है। समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर इन शिक्षकों की जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।