समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 07 फरवरी,20 ) । केंद्र सरकार ने रेलवे को निजी सेक्टर को सौंप कर काम लेने की साजिश किया है। उपरोक्त वक्तव्य लालबाबू राम, पूर्व मण्डल मंत्री एससी/एसटी रेलवे एसो ने कारखाना कर्मचारियों को संवोधित करते हुए कहा । उन्होंने कहा कि जब केन्द्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही थी तभी देशवासियों को सचेत हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं, तब बहुत अच्छा लगा था। वर्तमान प्रधान सेवक के दौर में (जिसका नारा है :- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास) न केवल रेल अपितु बड़ी ही तेजी से लगभग सभी सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है और लोग हैं की उसमे भी “तथाकथित विकास” की तलाशी कर रहे हैं। हमारा जिला समस्तीपुर, जहां सभी उद्योग-धंधे बंद हो चुके हैं, सुशासन वाले राज में लोग डिब्बे में भरकर पंजाब-दिल्ली कमाने जा रहे हैं, अब यहाँ का एकमात्र रेल यांत्रिक कारखाने को भी निजी हाथों में सौंपने का सिलसिला शुरू हो चुका है और हम हैं की अदृश्य विकास की गंगा में डुबकी लगाने में मग्न हैं।
विपक्ष चाहे वह कॉंग्रेस हो या आरजेडी, उनको इससे कोई मतलब भी नहीं दिख रहा है। सचेत होइए, उतरिये सड़कों पर :- इस तानाशाही सरकार के खिलाफ, इस गैरजिम्मेवार विपक्ष के खिलाफ और इस नफरत फैलाने वाली मीडिया के खिलाफ। उन्होंने आगे कहा की वह दिन दूर नहीं जब आपके और हमारे लोग आईआईटी, आईटीआई सरीखे डिग्रियाँ लेकर ठेकेदारों के आगे 5 से 8 हजार वाली नौकरी के लिए मिन्नतें करते नजर आएंगे। अमरदीप नारायण प्रसाद की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।