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गोपालगंज जिले की बनी जज किरण


अपने गृह राज्य बिहार के भागलपुर कोर्ट में पदभार ग्रहण कर सुशोभित कर रही जहां उन्होंने एक न्यायाधीश के तौर पे एक नई पारी की शुरुआत की है।

राजीव रंजन कुमार

गोपालगंज,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 17 फरवरी,20 ) । एक सामान्य परिवार की जुझारू महिला जिसने अपने बड़े सपनों को हकीकत में उतारा जिनके लिए आप और हम यह कह सकते है एक पत्थर तो मारो तवियत सेे यारो आसमा में भी सुराख हो जाएगा यही कहावत किवदंती को सही सच साबित कर दिखाया है सरकारी वकील के रूप में कार्यरत रही किरण सिंह चौरसिया ने। जिन्होंने इस बार बिहार सिविल जज के रूप में चयनित होकर अपने सपने को साकार किया है और अपने गृह जिले गोपालगंज को गौरवान्वित किया है जहां अब वो इस कोर्ट से विदा होकर अपने गृह राज्य बिहार के भागलपुर कोर्ट में पदभार ग्रहण कर सुशोभित कर रही जहां उन्होंने एक न्यायाधीश के तौर पे एक नई पारी की शुरुआत की है।
आपकों बता दें कि बिहार के गोपालगंज गोपालगंज जिले की निवासी किरण सिंह चौरसिया की शिक्षा झारखंड के रांची में हुई जहाँ इन्होंने कान्वेंट स्कूल कि पढ़ाई की राँची यूनिवर्सिटी से जहां इन्होंने कॉलेज किया और वर्ष 2009 में लॉ में गोल्ड मॉडल लेकर टॉप प्रथम स्थान प्राप्त किया जहां इन्होंने अपने सुनहरे सपनो को आंखों में पाले इन्होंने पुरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले शहर इलाहाबाद के तरफ कूच किया जहां इन्होंने अपनी कोचिंग तैयारी की और अपने प्रतिभा से सम्पन्न किरण सिंह चौरसिया ने अपने पहले ही प्रथम प्रयास मे एमपी एडपो की परीक्षा 10 में उतीर्ण की और एमपी में सरकारी वकील बन बैठी।
आगे आपकों बता दें कि ये बचपन से बेहद कुशाग्र होनहार बुद्धि की रही है किरण सिंह चौरसिया ने फिर से नौकरी के साथ शुरूवात की जहां जज बनने की 10 वर्ष की नौकरी में वो लगातार वो कई राज्यों की जज और अपर जज की परीक्षा उतीर्ण कर इंटरव्यू तक जाती रही मगर शायद किस्मत इनसे रूठी हुई थी जहां वो चंद नंबरों अंकों से हर साल हमेशा चूकती रही।
मगर इन्होंने हर बार एक जोश के साथ एक नए सिरे से अपनी तैयारी करती रही ओर अंततः अपनी मंजिल को पाने में वो सफल कामयाब रही जहां इनकी इस सफलता मे जहां किरण सिंह चौरसिया की कठिन मेहनत और लगन शामिल थी तो वही उनके कॉलेज के दिनों के साथी प्रेंणाश्रोत मार्गदर्शन देने वाले कोच ओर पति राजीव रंजन का बहुमूल्य सहयोग रहा जिन्होंने इनको अपने मंजिल तक पहुचने की मानो कसम खा ली हो।
वहीं किरण सिंह चौरसिया कि सफलता में राजीव रंजन के योगदान को नकारा झुठलाया नही जा सकता जिन्होंने इनकी तैयारी करवाते रहे ओर दुसरी तरफ अपने परिवार के भी संभाला।
वहीं किरण सिंह चौरसिया बतौर सरकारी वकील पीड़ित फरियादी लोगो को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट मे बेहद आक्रमक हो जाती थी मानो खुद ही पीड़ित हो लेकिन बाहर निकलते ही उनके चेहरे पे सौम्य मुस्कान और सादगी भरा व्यहार होता था और इनकी इसी काबिलियत हुनरमंद को देखते हुए सेशन कोर्ट में पास्को कैसो में विशेष लोक अभियोजक की भी जिम्मेदारी दी गई।
जहां किरण सिंह चौरसिया एक बार चर्चा में तब आई जब एक नाबालिग के साथ बालात्कार और हत्या के एक मामले में अभियुक्त को दोहरी फांसी की सजा दिलवाई जिसके लिए उन्हें तत्कालीन आईजी सहदोल ने विशेष पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किया था।
जहां उन्हें देखकर सभी कहते थे कि ये एक दिन कमाल करेंगी और ऐसा भी नही हुआ की उन्हें सबकुछ बडी आसानी से मिल गया हो वहीं अगर किरण सिंह चौरसिया की बातें को माने तो वर्ष 2009 में इन्होंने अपनी पढ़ाई खत्म होते ही आम भारतीय पिता की तरह इनके पिता भी ने अपना फरमान सुना दिया कि बस अब तुम्हरी शादी करने जा रहा हू इतना सुनते ही किरण सिंह चौरसिया के उपर मानो आसमान टूट गया हो जहां उनके आंखों के सामने ही वर्षो की मेहनत और लगन का शीशमहल अचानक से टूटकर बिखर गया हो।
तब उन्होंने अपने पिता से मात्र एक साल का समय मांगा की मैं एक साल मे कुछ नही कर पाई तो आप मेरी शादी कर दिजिएगा और एक साल बाद वर्ष 2010 में एडपो बन गयी और तब इन्होंने अपने छात्र जीवन के साथी गुरु राजीव रंजन से दोनों परिवार की सहमति से विवाह कर लिया जहां उनका आज एक प्यारा 8 वर्ष का बेटा भी है।
वहीं किरण सिंह चौरसिया का हमेशा कहना रहा है कि उनके पति हमेशा उनसे भी ज्यादा प्रतिभाशाली छात्र रहे जहां भाग्य ने उनका साथ नही दिया लेकिन उन्होंने छात्र जीवन मे ही हमारी किरण सिंह चौरसिया के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को पहचान लिया था और उनके सतत परिश्रम और उनके लिए हमेशा प्रयासरत रहे जहां ये दोनों लोग हमेशा से बेहद आत्मविश्वास से भरे होते थे जहां जिंदगी से कभी भी हिम्मत नहीं हारने वाले निरंतर अपने मंजिल की ओर बढ़ते हुए आज किरण सिंह चौरसिया ने एक बड़ी पहचान और उपलब्धी हासिल कर साबित कर दिखाया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं भी कम नहीं है किसी भी क्षेत्र में। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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