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मिथिला हिन्दी न्यूज के बिहार सम्पादक की पत्नी आकस्मिक रूप से हुई जख्मी दाहिने पैर की टूटी हड्डी,निजी अस्पताल में भर्ती


मिथिला हिन्दी न्यूज टीम
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 11 फरवरी,20 ) । मिथिला हिन्दी न्यूज के बिहार सम्पादक राजेश कुमार वर्मा की पत्नी आकस्मिक रूप से हुई जख्मी दाहिने पैर की टूटी हड्डी । निजी अस्पताल में चल रहा इलाज । समस्तीपुर जिला निवासी मिथिला हिन्दी न्यूज के बिहार सम्पादक राजेश कुमार वर्मा की धर्मपत्नी पुनम वर्मा अकस्मात अपने घर में ही फिसल गई । जिस कारणवश उनके दाहिने पैर की हड्डी टूट गई। जख्मी हालत में उनके परिवार एंव आस पड़ोस के लोगों ने आननफानन में स्थानीय माता चन्द्रकला ट्रामा सेन्टर में डॉ० डी० के ० शर्मा से इलाज करवाया। श्री वर्मा ने बताया कि ताजुब्ब की बात है की जो डॉ० साहब अपने निजी अस्पताल में भारी भरकम फीस की वसूली कर इलाज मरीजों का करते है और इनके निजी चिकित्सालय में हड्डी जोड़ आर्थो परीक्षण के लिए मरीजों के संग अभिभावकों की लंबी लाईन लगी रहती है । वो ही डॉ० साहब यहां के सरकारी जिला सदर अस्पताल में भी कार्यरत है तो वहां क्यों नहीं इलाज सुलभ हो पाता है । ऐ सोचनीय विषय जनमानस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बन जाता है । वहीं लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पताल से अच्छा निजी अस्पताल में जहां भारी भरकम फीस तो लिया जाता है लेकिन यहीं सरकारी डॉक्टर साहब मरीज को चाहे जैसे देखे और वार्ड में भर्ती रख कर चार्ज की बसूली करें लेकिन इलाज शर्तिया होता है । लेकिन यहीं सरकारी अस्पताल में डॉक्टर साहब दिल से आऐ हुऐ मरीजों का समूचित इलाज क्यों नहीं कर पाते है और गंभीर रुप से निजी मरीज अस्पताल में इलाज हेतू क्यों नहीं जाते है । ऐ चिंताजनक विषयक समाजसेवी प्रवुद्ध नागरिकों में चर्चा में बना हुआ है। श्रीमती पूनम वर्मा की दाहिने पैर की हड्डी थोड़ी टूट गई जिसके कारण उनके अभिभावक से हजारों रूपये की खर्च वसूल किया गया। ताजुब्ब है बिहार सरकार के साथ ही स्वास्थ्य विभाग पुर्णत:या रुपेण कहती हैं की जिलावासियों को समूचित स्वास्थ्य सूविधा मुहैया कराई जाएगी। लेकिन आज की तिथि में चकाचौंध तो दिखाई देती है सदर अस्पताल की सुरत लेकिन दवा और जांच के साथ ही इलाज में फिसड्डी साबित हो रही है । ऐसा चर्चाऐमान के साथ ही दिखाई दे रहा है । वहीं निजी अस्पताल में गंदगी तो पसरा ही रहता है और ताम झाम दिखलाते हुऐ भारी भरकम राशि की वसूली मरीज के अभिभावकों से करते है । जिसके कारण गरीब परिवार के लोगों का इलाज आगे जाकर रुक जाता हैं और वे मौत के मुहांने जा खड़ा हो जाते है । श्री वर्मा के परिवार की चिंतनीय स्थिति बनी हुई हैं । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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