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पाकिस्तान में इंसाफ नहीं वहां संविधान के अनुरूप कानून नहीं क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है और वहां हिंदुओं को इंसाफ नहीं मिलता है : ओम प्रकाश बिंद


मिथिला हिन्दी न्यूज टीम 
बिहारशरीफ/नवादा, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 17 फरवरी,20) ।पाकिस्तान में इंसाफ नहीं वहां संविधान के अनुरूप कानून नहीं क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है और वहां हिंदुओं को इंसाफ नहीं मिलता है । बिहार शरीफ में एक कार्यक्रम को वतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ओम प्रकाश बिंद, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 07 फरवरी 20 लोकसभा में भाषण में कह रहे थे कि 1930 में सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया तो बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने स्वयं कांग्रेस से हटकर मुस्लिम लीग में चले गए और जिन्ना के साथ देश जव आजाद हुआ तो पाकिस्तान के कानून मंत्री के पद पर नियुक्त हुए ।लेकिन वहां के संविधान के अनुसार पाकिस्तान के हिंदुओं को अच्छे बर्ताव नहीं किया जाने लगा और ना ही अच्छी सरकारी नौकरियों में जगह दी जाती थी, ना ही अच्छे पद पर नियुक्ति होती थी तो पाकिस्तान के हिंदू केवल मजदूरी पर निर्भर करती थी, उसने कानून मंत्री से इस्तीफा दे दिया कहा कि ऐसी व्यवस्था में मैं कानून मंत्री के पद पर नहीं रह सकता हूं, और उसने जिन्ना के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिये थे और बंगाल आकर बस गए थे । क्योंकि पाकिस्तान में इंसाफ नहीं है, वहां संविधान के अनुरूप कानून नहीं है क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है वहां हिंदुओं को इंसाफ नहीं मिलता है। 
  उन्होंने कहा कि जब हमारा देश एक सेक्युलर राष्ट्र है, जहाँ खास करके बिहार प्रदेश में क्या कर्पूरी फार्मूला के अनुसार अति पिछड़ा, दलित और आदिवासी जातियों के साथ इंसाफ हो रहा है ??। इस देश के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि जिस जाति के लोग अपने बलबूते पर सरकारी नौकरियों में नहीं जाते हैं उसके लिए आरक्षण की व्यवस्था किया था लेकिन बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने मूल दलित आदिवासी और मूल अत्यंत पिछड़ी जाति को आरक्षण से बिल्कुल समाप्त कर दियें है । इसका उदाहरण स्वरूप उन्होंने कहा कि स्पेशल टीचर 2013 में बहाली निकलती है । 18000 शिक्षकों की बहाली होती है । टीचर ट्रेनिंग के आधार पर, फिर कुछ दिन बाद 10000 शिक्षक की बहाली होती है, B.Ed के आधार पर दलित, अति पिछड़ा,आदिवासी बहाल नहीं होते हैं । क्योंकि टीचर ट्रेंड या B.Ed पास ही नहीं है । मतलब उनके आरक्षण समाप्त हो गई.....क्योंकि टीचर ट्रेनिंग, B.ED करने के लिए 1.25 से लेकर 1.5 लाख की जरूरत पड़ती है । जिस समाज में रोटी, कपड़ा और मकान की ख्वाब रोज देखतीं हो वो कहा से इतनें रुपये अलग से इकट्ठा करें ।
     वहीं इलेक्ट्रिक विभाग में 450 इंजीनियर की बहाली होती है गेट के आधार पर वहां एक भी मूल अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी के लोग बहाल नहीं होते हैं । जबकि राजस्थान में नेट के आधार पर प्रोफेसर की बहाली होती है । वहां आदिवासी जाति 14 नंबर वाले प्रोफेसर बन जाते हैं और जनरल कोटा के 82 नंबर वाले लोग बहाल नहीं होते हैं । इसका मतलब है, राजस्थान में आरक्षण का पूरा पूरा लाभ मिलता है और बिहार में आरक्षण समाप्त कर दिया जाता है । 
     जबकि उत्तर प्रदेश में जब मायावती की सरकार बनी तो उसने आजादी के बाद जितना भी दलितों का बैकलॉग नौकरियां बाकी था उन्होंने 276640 नौकरियों को दलितों में दे दिया था इसलिए मित्रों मैं कहना चाहता हूं मूलदलित ,मूलअति पिछड़ा और मूलआदिवासी लोगों से कि अपने वोट का इस्तेमाल सोच सोच कर करें ऐसे को वोट ना दें क्योंकि वोट से ही मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बनता है । आपका एक वोट इस देश का राष्ट्रपति का एक वोट दोनों का वोट का मूल्य बराबर है आने वाला विधानसभा में अपने वोट का इस्तेमाल अपने हित में करें देश हित में करें ।
      उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के हिंदू और बिहार के मूल अति पिछड़ा, दलित और आदिवासी में कोई अंतर नहीं है । जिस प्रकार का भेदभाव पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ होता है उसी प्रकार का भेदभाव यहां के अति पिछड़ा, दलित और मूल आदिवासी के साथ हो रहा है वोट से ही राजा बनता है और जिस दिन आप वैसे बेईमान को वोट नहीं देंगे तो दुश्मन मरा हुआ नजर आयेगा......क्योंकि दुश्मन के पास वोट नहीं है । मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान के हिंदू और यहां के मूल आदिवासी अति पिछड़ा और दलित में कोई अंतर नहीं है पाकिस्तान के हिंदू की तरह आपके बच्चे भी केवल मजदूरी ही करेंगे, गली-नली की सफाई करेंगे, रोजगार के लिए दर दर की ठोकरें खाऐगे मगर सरकारी नौकरियों में नहीं जाएंगे रोटी का लुटेरा को वोट ना दें है यहां शिक्षक टीईटी ,B.ED के आधार पर बहाली होती है क्योंकि बेईमान द्वारा एक मापदंड बना दिया जाता है जहां मूल अति पिछड़ा, दलित और आदिवासी बहाल नहीं हो सकेंगे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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