संवाद
वर्ष 2008- 9 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजबाग खेल परिसर में स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी, जो अब भी अधूरी है। 10 साल में न खेल मैदान बना है, न ही दर्शक दीर्घा का निर्माण पूरा हुआ है। इस दौरान जिले में 10 कलेक्टर बदल गए। लेकिन राजबाग खेल मैदान की तस्वीर नहीं बदल पाई। लोगों ने बताया घोषणा के बाद से अब तक कई विधायक से सांसद तक स्टेडियमों के बनाने के सिर्फ सपने दिखाए और बला टाल दी। हर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी भी इस मुद्दे को जमकर उछालते रहे हैं, लेकिन चुनाव के बाद मुद्दा गौण हो जाता है।यही कारण है कि अफसरों ने प्रवेश चयन स्पर्धा जिला मुख्यालय पर आयोजित की। इसके चलते जिले की छात्राओं को जिला मुख्यालय तक जाना पड़ा। खास बात यह है कि राजबाग खेल मैदान की छात्राओं ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में जिले का नाम रोशन किया है। बावजूद अधिकारियों का खेल मैदान के निर्माण को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।