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नागरिकता संशोधन कानून से नागरिकों के अधिकार का हनन का प्रयास हो रहा है : सद्दाम खान

संवाद 
 भारत का संविधान देश के हर नागरिक को बराबरी का हक देता है लेकिन अगर सीएए और एनआरसी लागू हुआ तो मुल्क में अशांति फैलेगी।। रौशन कुमार चौधरी नई दिल्ली, भारत ( एनसीआर, सीएए, एनपीआर के विरोध में शाहिन बाग में सत्याग्रह पर बैठे सत्याग्रहियों को शाहीन बाग में आयोजित सभा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दिल्ली अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जदयू के अध्यक्ष सद्दाम खान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से नागरिकों के अधिकार का हनन का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हिंदू, मुसलमान सिख, ईसाई की लड़ाई नहीं है बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है और यह लंबी लड़ाई है। खान ने कहा कि भारत का संविधान देश के हर नागरिक को बराबरी का हक देता है लेकिन अगर सीएए और एनआरसी लागू हुआ तो मुल्क में अशांति फैलेगी। इसमें कुछ बिंदुओं को जोड़ा गया है इससे शक पैदा होती है। उन्होंने कहा एनपीआर के रास्ते ही एनआरसी लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। एएमयू, जामिया और जेएनयू की घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि यह घटनाएं भारत की एकता पर एक बड़ा प्रहार है। मौजूदा सरकार ने सत्ता में आते समय संविधान की शपथ ली थी, मनु स्मृति की नहीं अतः उसे संविधान के अनुसार देश को चलाना चाहिये। अपने उदगार व्यक्त करते हुए सद्दाम खान ने कहा कि गरीबी, बेकारी और शिक्षा जैसी समस्याओं को छोड़कर सरकार लोगों से नागरिकता का सबूत मांग रही है। नागरिकता संशोधन कानून से सरकार सीधे तौर पर अल्पसंख्यकों पर निशाना साध रही है जो गैर संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि *भूत के डर से कोई घर नहीं छोड़ता और मोदी-अमित शाह के कहने पर मुल्क नहीं छोड़ेंगे* । सद्दाम ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस भारत की एकता, अखंडता और भाईचारे को तोड़ना चाहते हैं और हिन्दू - मुस्लिम- सिख- ईसाई सभी धर्मों के बीच नफरत फैला रहे हैं, लेकिन उनके षड्यंत्र को अमनपसंद लोग सफल नहीं होने देंगे l  हमेशा देश की भाईचारा और एकता बना के रखेंगे l कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जनसभा में नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता पंजी और राष्ट्रीय जनगणना पंजी का विरोध किया l उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को आड़े हाथ लिया l उन्होंने इन कानूनों को देश का काला कानून करार दिया. कहा कि मोदी को भी यह बताना होगा कि उनके पूर्वज कौन थे. सद्दाम ने कहा कि देश में 15 करोड़ लोगों के पास घर नहीं है. जब उनके पास घर नहीं है, तो वे अपने आवास का प्रमाण कहां से लायेंगे l उन्होंने कहा कि जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारी आपके घर पहुंचें, तो उन्हें कोई कागज न दिखायें l किसी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करें । रौशन कुमार चौधरी की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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