शिक्षक नेताओ सहित कई ने दी प्रतिक्रिया
सारण,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 मार्च, 20 ) । सारण- दरियापुर जहां बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर आयोजित प्राथमिक शिक्षकों का हड़ताल बारहवें दिन भी जारी रहा।वहीं मंगलवार से माध्यमिक शिक्षकों के भी हड़ताल में शामिल हो जाने से सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में ताला लटक गया।जिससे पठन-पाठन पूर्णतः ठप्प हो गया।प्रतिदिन आंदोलन और अधिक तेज होता जा रहा है।सभी जगहों पर विभिन्न नियोजन इकाईयों व अन्य जनप्रतिनिधियों का भी भरपूर सहयोग मिलने लगा है।जो आंदोलन को बढ़ाने में ऑक्सीजन का काम करने लगा है।इसके बावजूद भी सरकार शिक्षको के प्रति नरमी बरतने की मूड में नही दिख रही है।ऐसे में हड़ताल के लम्बे समय तक चलने की संभावना बढ़ गयी है।इस परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है,वह भी ऐसे समय मे जब सत्र की समाप्ति होने वाली है।हड़ताल को लेकर शिक्षक नेता जाहिर हुसैन अहमद ने कहा कि जब तक राज्य सरकार के द्वारा नियोजित शिक्षकों को उचित सम्मान नही दिया जाएगा,तब तक हड़ताल जारी रहेगी।प्रमोद कुमार पप्पू ने कहा कि हड़ताल से बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की जिम्मेवार राज्य सरकार है।उसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नही बल्कि विभिन्न योजनाओं को आधे अधूरे चला कर वोट की राजनीति करनी है।श्याम कुमार करुणेश ने कहा कि सरकार हड़ताल को लेकर संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता करने के बजाए दमनकारी नीतियां अपना कर आंदोलन को और भड़काने का काम कर रही है।कुमार शैलेश ने तो मुख्यमंत्री पर ही अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अहंकारी रवैया की ही नतीजा है कि शिक्षको को बाध्य होकर हड़ताल करना पड़ा।उपेन्द्र यादव ने कहा कि सरकारी तानाशाही के कारण हमें मजबूरीवश हड़ताल में जाना पड़ा है।जबकि शिक्षिका प्रियंका कुमारी ने कहा कि सरकार इतनी संवेदनहीन हो गयी है कि पिछले तीन वर्षो में भी एक सेवा-शर्त नही बना पाई है।ऐसे में हड़ताल के अलावा कोई दूसरा माध्यम नही था।वही हड़ताल को लेकर आठवीं की छात्रा नन्दनी कुमारी,गुड़िया कुमारी,गुनगुन कुमारी आदि ने भी पठन-पाठन ठप्प होने पर चिंता जताते हुए कहा की सत्र की समाप्ति होने वाली है।मार्च में वार्षिक परीक्षा होने वाली है।इस स्थिति में पढ़ाई ठप्प होने से काफी क्षति हो रही है।ऐसे में सरकार को चाहिए कि अविलम्ब संघ से वार्ता हड़ताल को समाप्त कराने की पहल करें।सरकार के द्वारा हड़ताल को नजरअंदाज करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के समान है।वही स्थानीय अभिभावक संजीव कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए सम्मानजनक वेतन अवश्य मिलनी चाहिए।सरकार को संघ के साथ इस मुद्दे पर समन्वय स्थापित करनी चाहिए।जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नही हो।अभिभावक रमेश राय ने भी शिक्षको की मांगों को जायज बताते हुए सरकार से शीघ्र वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है।इस प्रकार अधिकांश छात्र -अभिभावक और कई नियोजन इकाइयां भी शिक्षको की मांगों को जायज बता रहे है,परन्तु साथ ही साथ पढ़ाई को लेकर चिंतित भी नजर आ रहे है।दूसरी तरफ सरकार के तरफ से भी हड़ताल को लेकर सकारात्मक पहल नही करने से प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों तक मे ताला लटक जाना काफी चिंतनीय विषय है।अब देखना यह है कि हड़ताल कब तक समाप्त होती है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित गजेंद्र कुमार की रिपोर्ट राजीव रंजन कुमार की रिपोर्टिंग ।