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सत्यम शिवम सुन्दरम् के प्रतीक हैं भगवान शिव: आचार्य हेमचंद्र ठाकुर


रामकथा के दरम्यान दूसरे दिन उमङी श्रद्धालुओं की भीड़ 

 रामकथा में प्रवचन देते आचार्य हेमचंद्र ठाकुर जी महाराज 

मिथिला हिन्दी न्यूज टीम 
विद्यापतिनगर/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 16 फरवरी,20 ) । विधापतिनगर प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में चल रहे चौथा वार्षिकोत्सव सह श्रीराम चरित्र मानस नवाह महायज्ञ के अवसर पर आयोजित रामकथा के दरम्यान वृन्दावन से पधारे रामकथा मर्मज्ञ हेमचंद्र ठाकुर जी महाराज ने कहा कि संसार में शमसान भूमि बड़ी पवित्र मानी गई है । यही भूमि भेदरहित स्थल है जहां सभी का मान बराबर होता है। शमसान में जलने वाले या जलाए जाने वाले राजा,रंक,धर्मात्मा,पापी या किसी वर्ग के शव को चिता भस्म ही बनाती है। इसीलिए तो इस स्थल को शमसान भूमि कहा जाता है जहां सब के साथ समभाव हो वही शमसान है। भगवान शिव शमसान वासी माने जाते हैं जो सत्यम,शिवम एवं सुंदरम के प्रतीक है। उन्होंने शनिवार को दूसरे दिन कहा कि शिव जगदम्बा पार्वती को शमसान में ही कथा सुनाते है जो रामकथा आने वाले समय में " सकल लोक जग पावनि गंगा " कहलायी। कहा कि रामकथा के प्रथम आचार्य वक्ता के रूप में भोलेनाथ ही माने जाते हैं एवं श्रोता के रूप में माता पार्वती । कथा कहने वाले,सुनने वाले एवं इसमें सहयोग करने वाले तीनों प्रकार के व्यक्ति उसी तरह पवित्र हो जाते है जिस तरह गंगा स्नान करने वाले या गंगाजल पान करने वाले अथवा गंगा-गंगा उच्चारण करने वाले। उन्होंने शिव-पार्वती संवाद के माध्यम से राम के अवतार के अनेकों कारणों पर प्रकाश डाला। वहीं दूसरे सत्र में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दरम्यान झांसी से पधारी साध्वी मंजू लता देवी जी ने श्रीमद्भागवत गीता को जीवन का सार बतलाया । मौके पर मंदिर के महंथ सह कार्यक्रम संयोजक श्री विष्वकशैण रामानुज श्री वैष्णव दास उर्फ पंडित विनोद झा,नवीन कुमार सिंह,राजेश जायसवाल,रमेश कुमार,अमरनाथ सिंह मुन्ना,गणेश साह,रामकुमार चौधरी आदि मौजूद रहे।  समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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