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भारतीय संस्कृति का मूल है वेद : संत रघुवर दास


वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार से ही हमारी संस्कृति की होगी रक्षा 

वैदिक धर्म प्रचारक संघ का सम्मेलन सह सम्मान समारोह में विद्वत ब्राह्मणों का हुआ सम्मान 

छाया चित्र: वैदिक धर्म प्रचारक सम्मेलन में मंचस्थ विद्वत ब्राह्मण गण 

मिथिला हिन्दी न्यूज टीम 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 25 फरवरी,20 ) । समस्तीपुर जिले के विधापतिनगर में वैदिक धर्म प्रचारक संघ के तत्वावधान में वैदिक धर्म सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन संत रघुवर दास जी महाराज ने किया। अपने उद्घाटनीय उद्गार व्यक्त करते हुए संत रघुवर दास जी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल वेद है।इसके प्रचार प्रसार से ही हमारी संस्कृति को अक्षुण्ण रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सारे जगत में ईश्वर ही सर्वत्र व्याप्त है। उसी को पाने के लिए, उसी को समझने के लिए हमें मनुष्य का यह जीवन मिला है। उसे पाने का जो रास्ता है, उसका नाम है धर्म। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए मंदिर के महंथ सह कार्यक्रम संयोजक विष्वकशैण रामानुज श्री वैष्णव दास  उर्फ पंडित विनोद झा ने कहा कि वैदिक धर्म सारस्वत है। जीवन में सदगुरू,सदगुणों से ही सद्गति मिलती है।हम जैसी संगति में रहते हैं वैसा ही गुण हमारे जीवन में विद्यमान होता है। वैद धर्म की रक्षा सभी वर्णों के बीच सामंजस्य से ही संभव है।राष्ट्रीय प्रभारी संजय शुक्ला ने कहा कि वैदिक शिक्षा से ही संस्कृति व वेद की रक्षा की जा सकती है। अयोध्या से आए संत कमलनयन दास महात्यागी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि समाज आज बंट रहा है। इसे एकजुट होने की आवश्यकता है तभी वैदिक धर्म का आस्तित्व बच सकता है।इसके लिए जनमानस को एकजुट होना होगा।वेद महासागर समान है। मानव बने बंटे नहीं। राष्ट्रीयअध्यक्ष आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री ने कहा कि वैदिक धर्म संसार को जोड़ने की कङी है।आज के दौर में इसकी बहुत आवश्यकता है। आचार्य हेमचंद्र ठाकुर जी महाराज ने कहा कि वैदिक धर्म और सभ्यता की जड़ में संसार के सभी सभ्यता किसी न किसी रूप में दिखाई देता है।  वैदिक धर्म को हमें संरक्षित कर इनके ज्ञान को आगे बढ़ाना होगा। राष्ट्रीय सचिव पंडित विनोद झा ने कहा कि भारतीय संस्कृति का आधार वेदों को माना गया है और वेदों को सुरक्षित रखकर इनके ज्ञान को फैलाना होगा। सम्मेेेलन के दौरान सभी आगत अतिथियों का सम्मान किया गया। मौके पर विद्यापति परिषद अध्यक्ष गणेश गिरी कवि, बाल व्यास मानस तिवारी( वृन्दावन), सरपंच रामदयाल झा, सज्जन आचार्य, पशुपतिनाथ झा, अरूण महात्मा, संजय शुक्ला, सत्तो दास जी महाराज, राजीव झा, संतोष झा, शिवाकर शुक्ला, चन्द्रभूषण सुधांशु, सुशील झा ( दरभंगा), गुड्डू झा, मनोज मिश्रा शास्त्री, अवध किशोर मिश्र, शालिग्राम दास ( ताजपुर), नवीन कुमार सिंह,कुंदन सिंह,सचिन कुमार सिंह,गौतम कुमार,राजू चौधरी, राजेश जायसवाल, अमरनाथ सिंह मुन्ना, पिंटू साह, प्रेमचंद दास, प्रभू पासवान, विकास राय, अजीत कुमार आदि मौजूद रहे। संचालन प्रवक्ता आचार्य संजय शुक्ला ने किया। पदमाकर लाला की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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