रोहित कुमार सोनू
धूल से बचने के एक हाथ से चला रहे वाहन
राहुल कुमार को जाने वाले भूलन चौक पर धूल का अंबार नजर आ रहा है। इस क्षेत्र में सैकड़ों परिवार बसर करते हैं। यहां से प्रतिदिन रेलवे रैक पॉइंट का ट्रेक्टर निकलना होता है। ट्रेक्टर के निकलते ही चारों ओर धूल ही धूल हो जाती है। धूल से बचने के लिए वाहन चालक अपने मुंह पर हाथ रख रहे है। जिसके चलते दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। इस मार्ग से क्षेत्र की कई मुहल्ले जुड़ी हुई है।
वहीं धूल से 10 मीटर दूर की दूरी तक दिखना बंद
स्वामी विवेकानंद नगर से लेकर पेट्रोल पंप के बीच धूल का ऐसा आलम है कि यहां बड़े वाहन निकलने के बाद कुछ देर तक उड़ती धूल के कारण 10 मीटर की दूरी तक भी कुछ नहीं दिख रहा है। रेलवे रैक पॉइंट के कारण सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक 100 से अधिक ट्रेक्टर यहां से गुजरती हैं। जिसके चलते उड़ती धूल से क्षेत्रवासी परेशान हो रहे है।
मुज़फ़्फ़रपुर बस स्टैंड पर भी कुछ ऐसा ही हाल
शहर के बस स्टैंड पर भी कुछ ऐसा ही आलम शाम को दिखा। जितनी भी बसें और अन्य वाहन यहां से गुजर रहे थे तो धूल के कारण राहगीर उड़ती धूल से परेशान दिखे। शहर में उड़ती धूल के कारण अधिकांश लोग तो अब स्कार्फ, चश्में के बिना निकल ही नहीं रहे हैं। वहीं जो लोग ऐसे ही गुजरते हैं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कई डाक्टर ने बताया कि धूल के कारण एलर्जी होती है और उससे लोग खासे परेशान होते हैं। एलर्जी से बचने के लिए धूलभरी जगहों से गुजरें तो सावधानी रखना जरुरी है। उन्होंने बताया कि एलर्जी में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं।
आंखों में जलन, सीने में दर्द
भूलन चौक निवासी भूलन झा ने बताया कि रोड पहले से ही खराब था, लेकिन जब से ट्रेक्टर निकलना शुरू हुई है, तब से परेशानी और भी बढ़ गई है। धूल के कारण आंखों में जलन होने लगी है और सीने में दर्द की शिकायत भी रहने लगी है।
धूल के कारण जीना मुहाल
कुलदीप पंडित दुकानदार ने बताया कि धूल के कारण जीना मुहाल हो गया है। घर-दुकान में सुबह से शाम तक सफाई भी करना पड़ती है। छोटे बच्चों को तो घर से बाहर भी नहीं निकलने देते है। धूल के कारण बच्चों को छींकें भी आने लगती है।कई दुकानदार ने बताया कि धूल के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक उड़ती धूल दुकान और सामान पर जमा हो जाती है। ग्राहक भी सामान लेने से कतराता है। धूल साफ करते करते हाथ भी दर्द होने लगे है।