मुजफ्फरपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 09 फरवरी,20 ) ।
मुजफ्फरपुर जिले में बदलते जीवनशैली में मधुमेह से पीड़ित लोगों में काफ़ी इजाफ़ा हुआ है। सही समय पर मधुमेह की पहचान नहीं होने पर यह जानलेवा भी हो जाता है. लेकिन अब राज्य के लोगों को मधुमेह जैसे गंभीर रोग की समय पर पहचान एवं उपचार सुनिश्चित हो सकेगी। इसको लेकर सरकार द्वारा नयी पहल की गयी है। शहर के एक होटल में रविवार को बिहार सरकार, एनईसी(निप्पोन इलेक्ट्रिक कंपनी) कॉर्पोरेशन और एनईसी टेक्नोलॉजी इंडिया ने निवारक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी का मकसद बिहार राज्य में लोगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इसके लिए आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर स्वास्थ्यं जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही लोगों को मधुमेह जैसी बिमारियों के जोखिम को ख़त्म करने के लिए जीवनशैली से जुडी आदतें सुधारने के लिए प्रोत्साहित भी किया जायेगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा राज्य सरकार लोगों को स्वास्थ्य रक्षक सेवाएं बढ़ाने हेतु निरंतर काम कर रही है। इसी क्रम में एनईसी स्वास्थ्य जांच करने और निवारक स्वास्थ्य रक्षा अभ्यास के लिए जागरूकता पैदा करने हेतु आगे आया है। यह पहल बिहार के लोगों को लाभ पहुंचाएगी और एक स्वस्थ समाज बनाने में मदद करेगी। इस साझेदारी से राज्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आयेंगे और नागरिकों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो पायेगी। 10 फरवरी से 5 अप्रैल तक होगा पायलट:राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा शुरूआती 2 महीनों तक इस कार्यक्रम को पायलट के रूप में चलाया जाएगा। इसके लिए मनेर क्षेत्र का चयन कियागया है। पायलट प्रोजेक्ट 10 फरवरी से 5 अप्रैल तक चलेगा और उसके उपरान्त इसकी समीक्षा कर इसे पूरे राज्य में लागू करने पर विचार किया जायेगा। यह साझेदारी संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को बढ़ावा देने में मदद करेगा और साथ ही साथ स्वास्थ्यकर्मियों के क्षमतावर्धन भी करेगा।
5000 लोगों की मुफ़्त जाँच करने का लक्ष्य:
गैर संचारी रोग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. ए.के.साही ने कहा इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत आशा कार्यकर्ता मनेर प्रखंड के करीब 5000 लोगों के घर-घर जाकर मुफ्त स्वास्थ्य जांच करेगी । आशा जीवनशैली से जुडी आदतें , लम्बाई, कमर की चौड़ाई और वजन जैसे आंकड़े जमा करेगी। प्राप्त नतीजों के आधार पर आशा लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह देगी और जरुरत होने पर आगे की जांच के लिए एएनएम से संपर्क करेगी। एनईसी एक सॉफ्टवेयर तैयार करेगी जो आशा द्वारा दर्ज कराये गए आंकड़ों के आधार पर हर नागरिक की स्वास्थ्य स्थिति को दर्शाएगा और जरुरी परामर्श भी देगा। प्रोजेक्ट के दौरान एनईसी टेबलेट, नेटवर्क कनेक्शन, मापने के यंत्र और आशा तथा एएनएम के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करेगा। इस अवसर पर राज्य सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग मंत्री नीरज कुमार, सांसद रामकृपाल यादव, राज्य स्वास्थ्य समिति की अपर कार्य[अलक निदेशक करुना कुमारी, जिला सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। आसीफ रजा की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।