वर्ष 2020-21 के लिए जारी बजट कहीं खूशी तो कहीं गम वाली कहावत कर रही चरितार्थ
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 फरवरी,20 ) । लोकसभा में केन्द्रीय मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किये गए वर्ष 2020-21 के लिए बजट कहीं खूशी तो कहीं गम वाली कहावत चरितार्थ कर रहीं है। भाजपा नेताओं ने इसे विकास बजट कहा है तो वहीं विपक्षी पार्टियां इसे जनविरोधी बजट करार दिया है । बजट पर
राजद के प्रांतीय नेता व सकरा विधायक लालबाबू राम ने 01 फरवरी 20 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए वर्ष 2020-21 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट जनविरोधी , गरीब विरोधी , छात्र विरोधी , युवा विरोधी , मजदूर विरोधी बजट है ।
राजद विधायक ने कहा कि इस बजट से राजकोषीय घाटा और बढ़ने की संभावना हैं l इस बजट से गरीब -किसान -मजदुर को निराशा हाथ लगी हैं l वही बेरोजगार युवा भी हताश हुए है l सरकार ने यह बजट चुनिंदा समृद्ध घरानों को और अधिक समृद्ध करने के लिये बनाया है। उन्होंने इसे पूजीवादी बजट बताते हुये कहा कि इसमें समाज के शोषित और वंचित वर्गों की उपेक्षा कर सिर्फ पूंजीपति वर्ग की सहूलियतों का ख्याल रखा गया है। वहीं राजद जिलाध्यक्ष ने इसे
दिशाहीन बजट करार देते हुए कहा है कि
राजद जिलाध्यक्ष विनोद कुमार राय ने कहा कि मुख्य समस्या बेरोजगारी है। मैंने बजट में ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं देखा, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। मुझे ऐसा कोई विचार नजर नहीं आया, जो अच्छी तरह से सरकार की व्याख्या करता हो। इसमें बेहद दोहराव है। सरकार सिर्फ बातें ही कर रही है, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा है। वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा,‘‘लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं।‘ उन्होंने कहा कि इस बजट में जनता से जुड़े मुद्दों की पूरी तरह से अनदेखी किये जाने के कारण बजट ने जनसामान्य को निराश किया है । समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।