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वैशाली को अनीमिया और टीबी मुक्त बनाने में मीडिया की अहम भूमिका सिविल सर्जन


सेन्टर फ़ॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च द्वारा आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला 

3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अनीमिया में कमी का लक्ष्य

वैशाली राज्य में 05वें स्थान पर

मिथिला हिन्दी न्यूज टीम 

वैशाली/मुजफ्फरपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 20 फरवरी,20 ) । वैशाली सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च की ओर से जिला स्वास्थ्य समिति के सभाकक्ष में गुरुवार को स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सी एफ ए आर की तरफ से रंजीत कुमार और सरिता मल्लिक उपस्थित थी।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सफलता में मीडिया की भूमिका अहम: 
सीएस डॉ. इंद्रदेव रंजन ने बताया आमजन तक प्रचार प्रसार के लिए मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आम लोगों तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई गई विभिन्न कार्यक्रम योजना की जानकारी मीडिया के माध्यम से पहुंचती है। इसलिए किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए मीडिया स्वास्थ्य विभाग और आमजन के बीच मजबूत कड़ी का काम करती है। उन्होंने गर्भवती स्त्रियों के साथ आमलोग को भी अपने खान पान में हरी सब्जियों को शामिल करना होगा। अनीमिया से मुक्ति के लिए स्वास्थ्य, आईसीडीएस और शिक्षा विभाग को साथ में मिल कर काम करना होगा। वहीं केयर की डीटीओ शिवानी सिंह ने अनीमिया में छह लाभार्थी समूह का जिक्र करते हुए आंतरिक मंत्रालयों के बीच समन्वय, राष्ट्रीय अनीमिया मुक्त भारत यूनिट, नेशनल सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस एंड एडवांस रीसर्च न अनीमिया कंट्रोल, अन्य मंत्रालयों/ विभागों के साथ समन्वय, आपूर्ति और लॉजिस्टिक के तंत्र को सुदृढ़ करना और अनीमिया मुक्त भारत डैसबोर्ड और डिजिटल पोर्टल -अनीमिया के लिए एकल समाधान बिंदु को सुनिश्चित करना था।अनीमिया मुक्त भारत में बिहार जहां देश में 15 वें स्थान पर है वहीं वैशाली बिहार में पांचवें स्थान पर है। प्रतिवर्ष 03 प्रतिशत की दर से अनीमिया में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं टीबी की वर्तमान स्तिथि को परिभाषित करते हुए सिविल सर्जन डॉ रंजन ने कहा कि टीवी एक संचारी रोग है। अब इसका पूर्ण इलाज उपलब्ध है। सारी दवाएं मरीज को एक बार में उपलब्ध हो जाती है। वहीं उन्हें पोषण के लिए सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाती है। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ शिव कुमार रावत ने कहा कि टीबी रोगियों की संख्या प्रत्येक लाख में 200 के करीब होती है। इसलिए यह जल्दी सामने नही आ पाता । पर यह हमलोगों की जिम्मेदारी है कि हम अपने रोग को छिपाएं नही । बल्कि लोगों के सामने लाये। सरकार हर मरीज के इलाज के लिए प्रतिबद्ध है। केयर जिला संसाधन इकाई के डिटीएल सुमीत कुमार ने अनीमिया और टीबी के वर्तमान परिदृश्यों पर पारखी नज़र डालते हुए कहा कि अनीमिया में जहां लोगों को अपने खाने की आदतों में सुधार और पोषण युक्त भोजन पर ध्यान देना होगा वहीं टीबी के लक्षण दिखते ही उसे इलाज कराने की सलाह दी। पिछले वर्ष टीबी की जांच में 3317 लोगों में रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमे से 1143 पॉजिटिव केस मील थे। पिछले वर्ष 1607 लोगों ने टीबी के अपने कोर्स को पूरा कर स्वास्थ्य लाभ उठाया। मौके पर सिविल सुरजन डॉ इंद्रदेव रंजन, सीडीओ डॉ. शिव कुमार रावत, सीडीपीओ कुमारी अर्चना, डीपीएम मणिभूषण, केयर डिटीएल सुमित कुमार, डीटीओ शिवानी सिंह, जीत कोऑर्डिनेटर चंदन कुमार, अक्षय प्रोजेक्ट से विनोद कुमार श्रीवास्तव समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। आसीफ रजा की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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