फागुन का महीना चल रहा है। धीरे-धीरे रंगों के त्याहार का सुरुर चढ़ रहा है। होली का पर्व हो और शराब की बात न हो तो शराबियों को सबकुछ फीका लगने लगता है। वैसे तो सूबे में शराबबंदी लागू है। शराब की खरीद-बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध है और यह पहला साल होगा जब बगैर शराब के होली मनेगी। लेकिन झारखंड का समीपवर्ती जिला होने के चलते नवादा में शराब की आवक जारी रही है। इस बीच होली का पर्व नजदीक आते ही शराब तस्करों की सक्रियता काफी बढ़ गई है।इन दिनों भारी मात्रा में शराब बरामदगी हुई है और कई कारोबारी भी पकड़े गए हैं। इससे साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि होली के अवसर पर शराब की डिमांड को देखते हुए झारखंड से शराब मंगाई जा रही है। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि अधिकांश मामले में गुप्त सूचना के आलोक पर ही कार्रवाई हुई है।
यानि कि जिस मामले में पुलिस या उत्पाद विभाग की टीम को भनक लगी तो कार्रवाई हुई और सूचना हाथ नहीं लगी तो कारोबारियों की बल्ले-बल्ले। उत्पाद विभाग के पास साधन-संसाधनों की घोर कमी है। लिहाजा चाहकर भी उत्पाद विभाग पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर पाती है। जिसका फायदा शराब कारोबारी उठा रहे हैं।