समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 20 फरवरी,20 )। सरकारी बस पड़ाव परिसर क्षेत्र बना अवैधानिक टैक्सी स्टैण्ड के साथ ही नगरपरिषद के कुड़ा-कचरा सहित पुराने ट्रैक्टर इंजन, चलंत शौचालय का प्रबंधन पड़ाव ।
समस्तीपुर जिले में समाहरणालय के ठीक नाक के सामने बने हुऐ सरकारी बस पड़ाव को नगर परिषद समस्तीपुर द्वारा पुराने सामानों सहित कुडे़-कचरा जमा करने का पड़ाव वर्षों से बना लिया गया है। जानकारी है की इस बस पड़ाव से सुबह में निजी गाड़ी मालिक द्वारा अनुबंध पर सरकार द्वारा चार बस चलाया जा रहा जो बीच सड़क पर खड़े कर यात्रियों को बैठाते हैं। जबकि बस परिसर में बस खडी़ करने के लिए प्रयाप्त जगह हैं। लेकिन अवैधानिक रुप से निजी प्राईवेट बोलेरो, स्कार्पियो, मारुति वाहन इत्यादि को भाड़े के लिए वहां लगाए रहते है। जो सिलसिला सुबह से शाम तक बनी रहती हैं ।
नगर परिषद समस्तीपुर द्वारा आधे से अधिक परिसर को अपने विभागीय सम्पत्ति जो की अगर नीलाम कर दिया जाता तो खजाने में लाखों रुपए जमा हो जाता लेकिन उसे कौड़ियों के भाव नहीं लेते हुए कुडे़ के ढ़ेर में तब्दील करने को लेकर खूले में पुराने खराब पड़े ट्रैक्टर सहित चलंत शौचालय का गोदाम के साथ ही नगर परिषद सफाई कर्मचारियों द्वारा प्रयोग में लाऐ जाने वाले ट्रैक्टर खडी़ करने एंव कुड़े कचरें का प्रबंधन किऐ जाने से परिसर में कुडे़-कचरे का ढ़ेर ही ढ़ेर नजर आता है। जिससे इस परिसर में बने बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग द्वारा बनाए गए कार्यालय भवन के बिल्डिंग का पता ही नहीं चलता है। दूसरी ओर बचे हुए आधे परिसर में निजी वाहन मालिक के चालकों द्वारा टैक्सी पड़ाव के रूप में सुबह से ही अवैधानिक टैक्सी पड़ाव बना दिया जाता है लम्बी कतारें कर्मबद्ध लग जाता है।
ताज्जुब की बात है की आम नागरिकों की सेवा के लिए स्थापित किऐ गए बस पड़ाव से सुबह के बाद एक भी बस पथ परिवहन विभाग द्वारा नहीं चलाई जाती है इससे पटना भागलपुर रांची इत्यादि दूर दराज जाने वाले यात्रियों को निजी बस मालिकों के कर्मचारियों द्वारा शोषित होने को मजबूर होना पड़ता है। ताजुब्ब की बात है की इस स्थल पर रोजाना किसी ना किसी राजनीतिक दलों का धरना प्रदर्शन होता ही रहता है, लेकिन किसी भी राजनेताओं का ध्यान इस ओर आकर्षित नहीं हो रहा है । ऐसा क्यूँ और कैसे ऐ समझ से परे नजर आता है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।