अपराध के खबरें

अब सिमुलेशन कौशल बौद्धिक दिव्यांगता पीड़ितों के लिए नयी जादू की झप्पी साबित हो रही है : डॉ० कुमार

भारतीय पुनर्वास परिषद, भारत सरकार आयोजित राज्य स्तरीय तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया

पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 27 फरवरी,20 ) । आज भारतीय पुनर्वास परिषद, भारत सरकार आयोजित राज्य स्तरीय तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षण कार्यशाला का आयोजन जे एम इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच एंड हियरिंग ,पटना में किया गया ।इस प्रशिक्षण में पुरे बिहार के कोने-कोने से आये पुनर्वास विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के संरक्षक श्री सत्यनारायण सिंह एंव संरक्षिका श्रीमति शोभा देवी द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर किया गया। इनके द्वारा विगत 38 वर्षों से दिव्यांगता प्रक्षेत्र में संस्थान के गौरवमयी इतिहास को बताया गया‌। इस दरम्यान काफी उतार-चढाव आने की बात बतायी गयी परंतु इसके बावजूद इंस्टीट्यूट अपने उदेश्य पर कार्यरत रहा ।आज उपलब्धि के तौर पर देश-विदेश में यहाँ से प्रशिक्षित पुनर्वास विशेषज्ञ विभिन्न दिव्यांगजनों को नयी दिशा दे रहें।
आज के इस कार्यक्रम में मुख्य मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षक के रूप में डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ितों के लिए अपने अध्ययनों को रखा गया।उन्होने इस प्रक्षेत्र में कार्यरत सभी विशेषज्ञों को आह्वान करते हुए बताया की बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ित लोगों के साथ कुछ मामले में उपहास किया जाता है। समाज में इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को हास्य के नजर से देखा जाता है। बहुत बार एक ही घर में पीड़ित के अन्य भाई-बहन घोर उपेक्षित करते हैं। इन्हे आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से वंचित भी रखा जाता है। इस दिशा में प्रोफेशनल इंटरवेन्सन की सख्त आवश्यकता है। डॉ॰ कुमार ने बिहार के सभी रिहबिलिटेशन प्रोफेशनल को सेन्सेटाइज करते हुए कहा की अब सिमुलेशन कौशल बौद्धिक दिव्यांगता पीड़ितों के लिए नयी जादू की झप्पी साबित हो रही है।इस अनुकरणीय शिक्षण व्यवस्था की दरकार बिहार के सभी विशेष विद्यालयों व अन्य विद्यालय में आवश्यक रूप से कराना चाहिए। इस तकनीक द्वारा बच्चों में तुरंत परिवर्तन देखे जाते हैं। इन्होने शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के सामने भी यह पक्ष रखा की गाँव में अभी भी बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ित बच्चों को पत्थर मारा जाता है तथा ऐसे बच्चों का उपहास करके अन्य समान्य बच्चे आनंदित होते हैं। इस तरह के बच्चों में जेनरल सोशल स्किल्स की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर श्री सुनिल यादव ,विशेष शिक्षक द्वारा भी विशिष्ट जीवन कौशल से प्रशिक्षुगण को परिचित कराया गया। संस्थान की नैदानिक मनोवैज्ञानिक सुश्री मानसी मोरे द्वारा कार्यक्रम के सफल संचालन व सरल शब्दों में फाइनल डिस्कसन कराकर उम्मीदवारों को मोटिवेट किया गया।इस अवसर पर इंस्टिट्यूट की सहायक निदेशिका श्रीमति मेघना सिन्हा,आसरा गृह, महिला की अधीक्षिका श्रीमति रीमा यादव सहित ८० लोगों ने अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की।मंच संचालन व कार्यशाला का प्रायोजनार्थ प्रशिक्षण प्रतिष्ठान व इंस्टिट्यूट के प्राचार्य श्री प्रेमलाल राय द्वारा किया गया। डॉ० मनोज कुमार मनोवैज्ञानिक चिकित्सक के द्वारा सम्प्रेषित संवाद को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live