संवाद
नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. पुलिस ने एक मार्च को यहां धारा 144 लगा दी. पुलिस ने नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में जमा न हों और न ही प्रदर्शन करें. पुलिस की ओर से रविवार सुबह शाहीन बाग धरना स्थल के नजदीक बैरिकैड्स पर यह नोटिस चिपकाया गया. पुलिस की तरफ से कहा गया है कि इस आदेश को न मानने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया। हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया।मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा पर भी बात की थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि शाहीन बाग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं है, फिलहाल सुनवाई टालना सही रहेगा.इससे पहले 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े व वकील साधना रामचंद्रन ने सील बंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी. वार्ताकारों ने यह रिपोर्ट दिल्ली के शाहीनबाग के सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के बाद सौंपी थी. कोर्ट वकील अमित साहनी व भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. साहनी व गर्ग ने अपनी याचिका में शाहीनबाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली व नोएडा को जोड़ने वाली एक प्रमुख मार्ग को रोक दिया है.