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कोरोना कोई नया वायरल बीमारी नही है ये 2003 के आखिरी में और 2004 के शुरू में पहले भी चीन में हो चुका था, जिसके लिए बिल्लियों को ज़िम्मेदार माना गया और हज़ारों बिल्लियों को मौत के घाट उतार भी दिया गया था, जब की ये सच है कि जानवरों में निमोनिया के लिए ये ही वायरस ज़िम्मेदार होते है : डॉक्टर जे.आई.वाजिदी


राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 20 मार्च,20 ) । कोरोना वायरस एक वायरल बीमारी है। जो आपस मे मिलने जुलने से फैलता है। अभी हाल ही में ये चीन के शहर वुहान से फैला है । कोरोना कोई नया वायरल बीमारी नही है ये 2003 के आखिर और 2004 क शुरू में पहले भी चीन में हो चुका था जिस के लिए बिल्लियों को ज़िम्मेदार माना गया और हज़ारों बिल्लियों को मौत के घाट उतार भी दिया गया था जब के ये सच है कि जानवरों में निमोनिया के लिए ये ही वायरस ज़िम्मेदार है। 
इस वायरस को कोरोना इस लिए कहा गया जब इसको माइक्रोस्कोप से देखते हैं तो ये क्राउन यानी ताज की शक्ल का दिखता है इसी लिए इसका नाम कोरोना रखा गया और अभी इसको Covid-19 का नाम इस लिए दिया गया कि ये 31 दिसंबर 2019 को चीन में पहला केस मिला इस लिए इसको Covid-19 यानी कोरोना वायरस डिजीज 19 कहा गया है ।
कोरोना वायरस से बिल्कुल भी न गबराये बल्कि अपने आप को भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचाएं अगर किसी का नज़ला ज़ुकाम खांसी हो रही हो तो उनसे मिलने जुलने में कम से कम 1 मिटेर की दूरी बनाए , अपने हांथों की सफाई रखें किसी चीज़ के छूने से पहले खास कर अपने मुंह आंख और नाक चुने से पहले अपने हांथों को साबुन से अछि तरह साफ कर लें तभी छुएं, घर में बाहर से आने के बाद अपने कपड़े को बदल कर पूरी तरह से अपने को साफ करने के बाद ही घर दूसरे लोगों के पास बैठें अगर इस तरह आप अपने आप को और अपने घर वालों अवं आस प्रोस को कोरोना से बचा सकते हैं ।
कोरोना वायरस भी एक आम फ्लू जैसा ही वायरल बीमारी है जिसमे शुरू में वही सारा लक्षण मिलता जो एक आम फ्लू में मिलता है । जिससे बुखार का लगना, सर दर्द का होना, गले मे दर्द का होना, थका थका से महसूस करना । मगर जब कोरोना वायरस से कोई इंसान इफेक्ट हो जाता है तो उस में तेज़ बुखार के साथ सुखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है । ये वायरस लगने के कम से कम 10 और ज़्यादा 14 दिन के बाद अपना रंग दिखाता है । इस लिए हमे पता ही नही चल पाता कि कौन सा फ्लू है और तब तक देर हो चुका होता है।
यूनिसेफ रिपोर्ट के मुताबिक़ ये हवा से नही फैलता ये कांटेक्ट में आने से फैलता है । ये किसी चीज़ पे रहता और इसकी लाइफ भी कम ही है । ये हांथों पे 10 मिनट तक जिंदा रह सकता है । ये साबुन से आसानी से धूल जाता है । 26 से 28 डिग्री टेम्प्रेचर पर ये खुद बखुद मर जाता है।
ये वायरस आंख मुंह और नाक के ज़रिए इंसानों में ट्रांसफर होता है।
चूंकि ये वायरल बीमारी है और इसका अभी तक कोई इलाज या वैक्सीन नही निकल पाया है तो हमे ऐसे हालात में खुद को कोरोना वायरस से बचने के लिए सफाई पे पूरा ध्यान देना होगा और साथ ही साथ ऐसी दावा और गाज़ा जिस से हमारे जिस्म का इम्यून सिस्टम मज़बूत हो वो दवा भी प्रीकॉशन के तौर पर लेना चाहिये। अगर हम मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो एक मास्क को 5 से 6 घंटे ही इस्तेमाल करना चाहिए उसके बाद उसे या तो जला दें या मिट्टी में दबा दें नही तो उस से भी घर में फैलने का ज़रिया बन सकता है। खुलासा ये है की कोरोना से घबराना नहीं हैं बल्कि अपने आप को कुछ दिनों के लिए सेफ कर लेंना है । सरकार के गाइड लाइन को फॉलो करें और अपनी हिफाजत खुद करें । उपरोक्त वक्त्वय एक भेंट वार्ता में डॉक्टर जे.आई.वाजिदी, वाजिदी हर्बल केअर काशीपुर समस्तीपुर के द्वारा पत्रकारों को बताया गया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।

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