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चैत्र मास में होने वाली नवरात्र इस बार 25 मार्च 20 बुधवार से प्रारंभ हो रही है जो 03 अप्रैल 20 शुक्रवार तक मनाई जाएगी

चैत्र नवरात्र जिसे हम बसंत नवरात्र के नाम से भी जानते है यह नवरात्र वर्ष का प्रथम नवरात्र होता है। इस बार चैत्र नवरात्र में माता अपना आगमन बुधवार को नौका पर कर रही है जबकि गमन शुक्रवार को गज पर कर रही है।

देश के लिए कुछ घटनाओं को छोड़ शुभ का संकेत देखा जा सकता है। साधु संतों का प्रभाव अधिक देखने को मिलेगा। सत्ता पक्ष में मामूली मत्तभेद और विपक्ष के दवदवा के वावजूद सरकार कई निर्णायक कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी, जो देश हित में उचित होगा। बुध राजा, मंत्री चंद्र है जिसके फलस्वरूप देश की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखना सरकार के लिए कठिन चुनौती रहेगा किन्तु सरकार इसमें पूर्ण तरह सफल रहेगी।

राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 13 मार्च,20 )। चैत्र मास में होने वाली नवरात्र इस बार 25 मार्च 2020 बुधवार से प्रारंभ हो रही है जो 03 अप्रैल 2020 शुक्रवार तक मनाई जाएगी। नवरात्र को लेकर तैयारी अंतिम चरण पर चल रही है। 25 मार्च 2020 से ही हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत् 2077, शक संवत 1942 जो प्रमादि नामक संवत्सर के नाम से जाना जाएगा और इसका राजा बुध एवं मंत्री चंद्र होंगे।
चैत्र नवरात्र जिसे हम बसंत नवरात्र के नाम से भी जानते है यह नवरात्र वर्ष का प्रथम नवरात्र होता है। इस बार चैत्र नवरात्र में माता अपना आगमन बुधवार को नौका पर कर रही है जबकि गमन शुक्रवार को गज पर कर रही है। शास्त्रों के अनुसार वार से निर्धारित वाहन के अनुसार फलादेश का आकलन किया जाता है। हिन्दू नव वर्ष का आगमन बुधवार, रेवती नक्षत्र और मीन राशिगत चंद्रमा के गोचर के समय हो रहा है अतः देश के लिए कुछ घटनाओं को छोड़ शुभ का संकेत देखा जा सकता है। साधु संतों का प्रभाव अधिक देखने को मिलेगा। सत्ता पक्ष में मामूली मत्तभेद और विपक्ष के दवदवा के वावजूद सरकार कई निर्णायक कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी, जो देश हित में उचित होगा। बुध राजा, मंत्री चंद्र है जिसके फलस्वरूप देश की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखना सरकार के लिए कठिन चुनौती रहेगा किन्तु सरकार इसमें पूर्ण तरह सफल रहेगी। कुछ राज्यों में राजनीति हलचल तेज होगी। विपक्ष से असंतोष और दुविधा आम लोगों को अधिक होगी। बुध का प्रभाव लोगो के मध्य चालाकी से काम करने की प्रवृति को बढ़ाने वाला होगा, एक दूसरे के साथ झूठ और क्षल करने की प्रवृति बढ़ेगी। शुभ और मांगलिक कार्यों का आयोजन बना रहेगा साथ ही इसमें दूसरे के कारण परेशानी उत्तपण की जा सकती है। सरकार को पश्चिमी क्षेत्र में आतंक और दंगा फैलाने वाले तत्वों पर पैनी नजर रखने की आवश्यकता होगी। देश के आंतरिक एवं बाहरी दोनों ध्यान अधिक देने की आवश्यकता पर बल देना होगा अन्यथा कुछ विरोधियों द्वारा शांति भंग या आपसी सौहार्द को विगारा जा सकता है।
वहीं मां दुर्गा के आगमन फल पर विचार करें तो देश समृद्धि की ओर बढ़ेगी और गमन फल पर विचार किया जाए तो शुभ वृष्टि का संकेत है। अतः हम यह कह सकते है कि कुछ घटना जो प्रकृति के अधीन है परंतु कुछ घटना का संकेत जानकर इस पर अधिक ध्यान देकर सही दिशा में आगे बढ़ सकते है।
चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना मुहूर्त- 
मास चैत्र, पक्ष शुक्ल
25/03/2020 बुधवार,
प्रातः 06:23 से 07:17 बजे तक।
प्रतिपदा तिथि आरंभ 24 मार्च को दिन के 01:55 बजे के उपरांत, प्रतिपदा तिथि समापन 25 मार्च को दिन के 04:02 बजे तक।
समय अभाव में घट स्थापन इस दिन कभी भी कर सकते है कारण इस समय दशो दिशा खुला होता है साथ ही सिद्धि का समय होता है। इन दिनों किसी भी तरह के विशेष कार्य कभी भी बिना मुहूर्त के किए जा सकते है।
नोट- उपरोक्त समय सारणी में अपने अपने क्षेत्रीय पंचांग अनुसार कुछ अन्तर हो सकता है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा पंकज झा शास्त्री की संवाद सम्प्रेषित ।

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