विमल किशोर सिंह
सीतामढ़ी- बिहार में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सीतामढ़ी प्रशासन ने एक अनोखा कदम उठाया. महिला दिवस से ठीक पहले प्रशासन की ओर से 'मीट योर कलेक्टर' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. डीएम और एसपी ने स्कूली लड़कियों को एक दिन के लिए अपने कुर्सी पर बैठाया.
अनिल कुपूर की मशहूर फिल्म नायक की कहानी से जुड़ा हुआ एक दृश्य तब देखने को मिला. जब समाहरणालय में 'मीट योर कलेक्टर' कार्यक्रम में आई सरकारी स्कूल की बच्चियों को डीएम ने न सिर्फ उन्हें डीएम-एसपी की कुर्सी पर बैठाया बल्कि कुछ समय के लिए पद की जबाबदेही और कार्यों से रूबरू होने का अवसर भी दे दिया.
सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने 7th क्लास की बच्ची को कुछ घंटों के लिए डीएम बनाया. इसके बाद डीएम साहिबा बच्चियों को लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गईं. जहां उन्होंने उनमें से एक बच्ची को एसपी भी बना दिया. रकारी स्कूल की गरीब छात्रा भी एसपी बनते ही अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर ही दी. उसने एक फरियादी की समस्या सुनते ही तुरंत थानाध्यक्ष को फोन कर ठीक से काम करने का निर्देश दिया. थानाध्यक्ष को रिश्वत लिये जाने पर उसे सस्पेंड किये जाने की सख्त चेतावनी भी दे डाली.
इन सब के बाद ऐसा लग रहा था की बच्चों के हौसले को बल और उनके सपनों को नई उड़ान मिल गई. 7th क्लास की की प्रिया डीएम और इसी क्लास की प्रभा एसपी बनी. डीएम के इस कदम की काफी सराहना हो रही है.