सरकार ने कहा, भोजपुरी के अतिरिक्त राजस्थानी और भोटी भाषा को भी 8वीं अनुसूची में शामिल करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 19 मार्च,20 ) । भोजपुरी भाषा को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संविधान की 8वीं अनुसूची में जगह मिल सकती है। इस आशय का संकेत बुधवार को सरकार ने लोकसभा में दिया। सरकार ने कहा, भोजपुरी के अतिरिक्त राजस्थानी और भोटी भाषा को भी 8वीं अनुसूची में शामिल करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कई हिस्सों में प्रमुखता से होता है। शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, सरकार के पास 38 भाषाओं के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इनमें भोजपुरी, राजस्थानी और भोटी बेहद महत्वपूर्ण हैं।
सरकार इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले जगदंबिका पाल ने कहा था, इन भाषाओं को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग दशकों से हो रही है।खासतौर से भोजपुरी के संदर्भ में लोकसभा में 20 से अधिक निजी विधेयक पेश किए जा चुके हैं। शून्य काल में सैकड़ों बार इस आशय की मांग की गई है। इसके साथ ही राजस्थानी और भोटी भाषा के लिए भी लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।