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विश्व मे महामारी लाईलाज बीमारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया और गरीब राष्ट्र और विकसित राष्ट्र का फर्क ही मिटा दिया सबके सब कोरोना वायरस के सामने नतमस्तक हो गया


देश मे लॉक डाउन के 3रा दिन रात्रि में NH28 पर दो मजबूर मजदूर समस्तीपुर से भीलवाड़ा राजस्थान पैदल जाते हुए

अमरदीप नारायण प्रसाद

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 28 मार्च,20 ) । बिहार के समस्तीपुर में कही मजदुरी कर अपना जीवन यापन करने वाले भीलवाड़ा राजस्थान के दो नवयुवक किसी तरह अपनी जिंदिगी गुजार रहा था लेकिन इसी दौरान पूरे विश्व मे महामारी लाईलाज बीमारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया और गरीब राष्ट्र और विकसित राष्ट्र का फर्क ही मिटा दिया सबके सब कोरोना वायरस के सामने नतमस्तक हो गया और अपने आप को घरों में कैद करने के अलावा दूसरे कोई रास्ता नही छोड़ा हजारो की संख्या में लोगो की मात हुई और लाखों की संख्या लगभग 05 लाख के करीब में पूरी दुनिया मे मरीज है मजबूरन देश के देश लॉक डाउन हो गए।देश मे भी लॉक डाउन के 3रा दिन है इस दौरान देश के कई भागों से बिहारी मजदूर हजारो किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर मजदूर खाने और काम के अभाव में अपने घर को चल दिये उसी दौरान शुक्रवार NH28 मोतीपुरी से पहले दो मजदूर अंधेरी रात में पैदल जा रहे थे तभी PNI के रिपोर्टर की नजर पड़ी गाड़ी की रौशनी में तो उत्सुकता से पूछा कहा जाना है तो उन्होंने बताया राजस्थान जाना है समस्तीपुर में मजदूरी करता था जो कई दिनों से काम बंद है और भोजन के अभाव में मजबुरण पैदल घर जाने को मजबूर हु और बोलते हुए चलते बने।एक बार मैंने उसे पुलिस की मदद से किसी ट्रक में बैठने की बात कहा लेकिन उसने बोला मैं जाता हूं और चल दिये।आखिर देश की आधी आबादी की ओर सरकार का क्यों नही ध्यान है और जिससे हमारे देश में निर्माण कार्य और कल कारखाने चलते है उसे भूखे प्यासे मारने को छोड़ दिये और विदेशों से प्लेन से अमीर घरानों के मरीजो को ले आये और अपने घर मे रह रहे मजबूर मजदूर को छोड़ दिये आखिर एक देश मे दो नियत क्यों।इस बीमारी की आहट दो माह पूर्व ही हो गया और उसके बाद भी हमारे देश मे इतना विलंब से कदम उठाया गया इससे देश मे बीमारी की बहुत ज्यादा फैलने की असंका को देखते हुए मजबूरन देश मे जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉक डाउन करना पड़ा लेकिन उन दिहाड़ी मजदूरों को कब तक राहत मिलेगी जो रोज कमाने वाले रोज खाते तबे आज उसके सामने भूखमरी की नौबत है जिससे मजबूरन लॉक डाउन के बाद भी घरों से निकल उसकी मजबूरी है।दूसरी तरफ बीमारी ज्यादा न फैल जाए इसकी पुलिस को चिंता है इसलिए पुलिस कठोर कदम उठाने को मजबूर है और वो बखूबी अपने कर्तव्यो पालन कर रहे है सरकार को चाहिए जितनी जल्दी हो सके आम जानो को मदद पहुंचाए वरना सभी भूख से सड़क पर निकल जाएंगे उसके बाद पूरे देश मे बीमारी तबाही और अंत करने को आतुर है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमरदीप नारायण प्रसाद की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।
 Published by Rajesh kumar verma

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