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हाथ जोड़ कर अपील : ग़रीब लोग कोरोंना से बच सकते है परंतु .... भूख से मर सकते है ¿ सरकार व्यवस्था कर रही है पर वो सहायता सायद कम पड़ जाएगा


बिहार के बड़ी आबादी अपने गाँव - घर से कमाने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्र में गई है।मज़दूरी और ठेला, छोटी दुकान लगाकर अपना पेट पालते हुवे अपने घर पर कुछ पैसा भेजते थे । आज सब कुछ बंद हो गया है । खाने को दिक्कत हो गई है और आने वाले दिनो में स्थिति काफ़ी भयावह होगी ।

अनूप नारायण सिंह

पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 28 मार्च,20 ) । ईश्वर सत्य है।मंदिर जाने से या घर में ध्यान के साथ ईश्वर को स्मरण करने से शक्ति, शांति के साथ ख़ुशी मिलती है। कष्ट निवारण के साथ शरीर में जन कल्याण ऊर्जा का संचार होता है।समाज के कुछ भाई जो सक्षम है वर्तमान कोरोंना महामारी की स्थिति में सरकार के निर्देश का पालम करते हुए अपनी - अपनी क्षमता के अनुरूप पीड़ितों के हित के लिए आर्थिक सहायता या अन्य पदार्थ दान करना चाहिए और पुण्य प्राप्त करना चाहिए।सरकार की संस्थान ही इस तरह के विषम परिस्थिति में कार्य करती है। कुछ अपवाद निजी संस्थान भी होती है । सरकार के कई विभाग के कर्मचारी अपने जान की परवाह किए बिना जनहित के कार्य करते है।कुछ सरकारी संस्थान और कर्मचारी भी अपने मानव हित के कल्याण एवं पीड़ितों के उमीद् बन के मंदिर स्वरूप दिख रहे है। बिहार के बड़ी आबादी अपने गाँव - घर से कमाने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्र में गई है।मज़दूरी और ठेला, छोटी दुकान लगाकर अपना पेट पालते हुवे अपने घर पर कुछ पैसा भेजते थे । आज सब कुछ बंद हो गया है । खाने को दिक्कत हो गई है और आने वाले दिनो में स्थिति काफ़ी भयावह होगी । ग़रीब लोग कोरोंना से बच सकते है परंतु .... भूख से मर सकते है। सरकार व्यवस्था कर रही है पर वो सहायता सायद कम पड़ जाएगा।TV न्यूज़ पर दृश्य जो देख रहे है दिल्ली इत्यादि कई शहरों से ग़रीब अपने छोटे - छोटे बच्चे के साथ पैदल गाँव प्रस्थान कर चुके है । पुनः रोज़गार मिलने की उम्मीद संघर्षमय होगा। बिहार में भी कई ग़रीब रिक्शे , ठेले इत्यादि से रोज़ कमाकर परिवार पालते थे उनके सामने भी भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
       *कोरोना प्रभावितों को पटना हनुमान मंदिर 01 करोड़ वैष्णो माता मंदिर 10 करोड़*
 *तिरुपति मंदिर 100 करोड़ दिए ! *
* साई मंदिर,शिरडी की तरफ से 51 करोड़।*
*इसलिए मंदिर जरूरी हैं।*
        आज वक़्त के साथ विषम परिस्थिति उत्पन्न होने के क़रीब दिख रही है।सरकार अपनी पूरी क्षमता लगाई है। सरकार, समाज अनुरोध करे या स्वयं “ प्राइवेट डाक्टर - संस्थान “ भी कोरोना से लड़ने में सेवा भाव से आगे आए।मानव सेवा, इंसान के जीवन की रक्षा, कल्याण मानव जीवन का धर्म है ।आप सभी की क्या राय है ? उपरोक्त वक्त्वय मृत्युंजय कु सिंह प्रदेश अध्यक्ष बिहार पुलिस एसोंसीएशन ने एक भेंट वार्ता में मिथिला हिन्दी न्यूज टीम के सदस्य अनूप नारायण सिंह से वार्तालाप में कहीं । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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