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खाद्य सामग्री का स्टाक एवं कीमत की सूची टांगने के आदेश को नहीं मानता दुकानदार- सुरेंद्र


ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूला जा रहा, आदेश शख्ती से लागू हो- माले



समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 27 मार्च,20 ) । नोवेल कोरोना महामारी की आड़ में खाद्य दुकानदारों की चांदी ही चांदी है. ग्राहकों से मनमाना कीमत वसूला जा रहा है. विरोध करने पर सामग्री नहीं होने का दुकानदारों द्वारा बहाना भी बनाया जा रहा है. प्रशासन द्वारा तय प्याज की कीमत 30-32 रू० प्रति किलोग्राम को 40 रू० नासीक वाला कहकर बेचा जा रहा है. काशीपुर के स्थानीय संतोष राय बताते हैं. अरूण कुमार बताते हैं कि आटा आउट आफ स्टाक बताया जा रहा है. चावल, सत्तु, दाल, तेल, चीनी, चुड़ा, मशाला आदि भी तय दर से अधिक में बेचा जा रहा है. सुनील दूबे बताते हैं कि अधिकतर दुकानदार संकट के इस घड़ी में दो नंबर एवं जाकरी सामान भी असली के नाम पर बेचकर बेड़ा पार लगाना चाहते हैं. विवेक- विहार मुहल्ला की नीलम देवी सब्जी की उंची कीमत पर आंखे तिड़ेरती हैं. महिला कार्यकर्ता बंदना सिंह बताती हैं कि कोरोना से पहले 12-13 रू० किलो बिक रहा आलू अभी 25 रू० किलो बेचा जा रहा है.
 विदित हो कि खाद्य पदार्थों का जोरदार कालाबाजारी की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा खाद्य पदार्थों एवं कीमत की सूची बनाकर दुकानों पर टांगने का आदेश 25 मार्च को ही दिया गया था लेकिन दुकानों का जुर्रत देखिए वे इस आदेश को भी मानने से इनकार कर दिया. तीन दिन बीत जाने के बाबजूद एक भी दुकान पर सूची नहीं टांगने को आपत्तिजनक बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सह भाकपा माले ने सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जिला प्रशासन से उनके ही आदेश को लागू कराने की मांग की है ताकि ग्राहकों का किया जा रहा शोषण रोका जा सके. माले नेता ने दुकानदारों से अपील भी किया है कि वे कोरोना महामारी की विनाश लीला को समझे और उचित कीमत पर सामान बेचकर "जीओ और जीने दो" की नीति पर काम करें । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।
 Published by Rajesh kumar verma

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