नई दिल्ली, भारत ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 28 मार्च,20 ) । पत्रकारों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है ऐसा लग रहा है फिर चाहे सांसद हो चाहे विधायक हो या कोई क्षेत्र का बड़ा आदमी हो या समाजसेवी हो जहां पर पत्रकार की बात आती है पत्रकार अपनी जिंदगी खुद जान जोखिम में डालकर सरकार की आवाज को जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम कर रही है और इस महामारी वायरस कोरोना में मीडिया पुलिस अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं फिर चाहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया उसके बावजूद कोई उनको पूछने वाला कोई नहीं है केवल चिंता होती है तो अपने चहेते एक आध की बाकी जाएं भाड़ में कोई नहीं जानना चाहता कि पेट्रोल कहां से आता है कैसे खर्चा चलता है वहीं देश के रखवाला माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशानुसार सरकारी कर्मचारियों को मास्क और ग्लब्ज, सैनिटाइजर साबुन सारी सुविधाएं उपलब्ध होती, लेकिन संविधान के चौथे स्तंभ के लिए कुछ इंतजाम नहीं वहीं पुलिस अधिकारियों द्वारा कुछ पोर्टल संचालित कर रहे पत्रकारों से अभद्रता की जाती है । जो कि सरासर गलत है, सरकारों का आदेश है पत्रकार पत्रकार होता है फिर चाहे चैनल का हो या पोर्टल का या फिर प्रिंट मीडिया का लेकिन कुछ प्रशासन की गुलामी करने वाले पत्रकारों की वजह से वास्तविकता में पत्रकारों का बुरा हाल है । क्योंकि सच्चा पत्रकार कभी गुलामी कर नहीं सकता । जबकि चाटूकार पत्रकारों को जी हुजूरी से फुर्सत नहीं है । जबकि देश जब से आजाद हुआ है तब से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबर लेने वाला कोई विधायक सांसद ख्याल करने वाला नहीं हैं.. ? जबकि लास्ट में हर कोई गुड वर्क छपवाना चाहते हैं, तो मीडिया के ही लोगों के द्वारा गुड वर्क छपते हैं उसके बाद कोई पूछने वाला नहीं होता है चाहे वो विधायक सांसद हो जो अपनी निधि से तमाम पैसा खर्च कर रहे हैं, लेकिन पत्रकारों की समस्या और उनका ख्याल है किसी सांसद विधायक को..? नहीं है जहां पर पत्रकारों को विधायक या सांसद या अन्य समाजसेवियों का गुड वर्क लिखना होता है तो बड़े प्रेम से बुलाते हैं ।
इस समय पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिस का पूरा सहयोग कर ही रहे हैं वहीं राज्य सरकार का और प्रदेश सरकार का काम भी कर रहे है अपनी जान जोखिम में डालकर करते हैं ।
मित्रों, मैंने अपने जीवन में ऐसा नज़ारा नहीं देखा जहां एक महामारी इतनी तेज़ी से फैल रही है वहीं सभी को ये ज्ञात है कि कोरोना बीमारी में एक से दूसरे व्यक्ति को आसानी से संक्रमित हो सकता है, पत्रकारिता धर्म हमें हर छोटी से बड़ी खबर हर सूरत में जनता तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी देता है और हमारे सारे पत्रकार बंधु हर सूरत में अपना ये धर्म बख़ूबी निभाते है फिर चाहे वो दंगे हो, युद्ध हो, कोई हिंसक प्रदर्शन हो या फिर कुछ और।
लेकिन इस बार परिदृश्य बेहद गंभीर है क्योंकि संक्रमण फैलाने वाली बीमारी से यदि कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो तो उससे संक्रमण कई जगह पहुंच सकता है ।
*एक पत्रकार दिन भर में कई जगह जाता है, आम जनता से लेकर अफसरों, राजनीतिज्ञों स्वास्थ्य कर्मियों इत्यादि से मिलता है ऐसे में उसके संक्रमित होने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है, और यदि वो संक्रमित हो जाए तो उससे ज़्यादा तेज़ी से संक्रमण फैलाने वाला माध्यम और कोई नहीं हो सकता ।*
अतः इसीलिए पत्रकार बंधुओं को सबसे ज़्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है, हमेशा मास्क पहने रहना, हर थोड़ी देर में हाथ धोना, sanitize करना, अस्पताल और ऑब्जर्वेशन व क्वारांटेन क्षेत्र से दूरी बनाने के अलावा मेरे निम्न सुझाव हैं : -
1) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बंधु पत्रकार अति आवश्यक होने पर ही बाइट लें, और यदि लें तो बूम माइक को टेली मोड पर रख एक मीटर की दूरी बनाएं, मास्क पहने रखें और यदि हो सके तो बूम माइक स्पोंज को हर बाइट के बाद सैनिटाइजर से खुद को sanetize करें, साथ ही दिन में कम से कम दो से तीन बार माइक यूनिट व कैमरों को भी एक sanetizer में भीगी हुई गौज़ से डिसिंफेक्ट करें ।
2) प्रिंट मीडिया के बंधु फील्ड में खबर लिखते वक्त यदि डायरी पेन के इस्तेमाल कि जगह अपने मोबाइल में सॉफ्ट नोट लिख डेस्क पर भेजें तो अधिक सावधानी रहेगी, साथ ही यदि फील्ड पर किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या कार्यक्रम में कलम लाना भूल गए हों तो किसी दूसरे की कलम लेने से बचें और यदि परिस्थिति में इस्तेमाल कर भी लिया हो तो करने के तुरंत बाद हाथ धोएं या sanitize करें ।
3) सभी फील्ड के पत्रकार बंधु डेस्क ऑफिस आने जाने से बचे, उपलब्ध सॉफ्टवेयर या वाट्सएप के माध्यम से डेस्क तक खबरें पहुंचाए ।
4) किसी भी एयरपोर्ट, बस अड्डे या रेलवे स्टेशन पर यदि चल रही स्क्रीनिंग का कवरेज या इन जगहों पर किसी संदिग्ध मरीज़ के मिलने का न्यूज़ प्वाइंट यदि बहुत आवश्यक हो तो ही कवर करने जाएं और उचित दूरी ज़रूर बनाएं, अब अत्याधुनिक मोबाइल फोन कैमरे भी काफी दूरी तक के विजुअल साफ ले लेते हैं, टेक्नोलॉजी का उपयोग कीजिए ।
5) वैसे सभी प्रदेशों में प्रेस कॉन्फ्रेंस, गोष्ठी, या अन्य कार्यक्रम स्थगित या रोक दिए गए हैं फिर भी यदि अति आवश्यक हो तो पूरी सावधानी से अच्छी गुणवत्ता का मास्क लगा के जाएं, खत्म होते ही तुरंत निकलकर अपने इक्विपमेंट व हाथ sanitize करें ।
6) अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, रोज़ के अपने मूवमेंट का रिकॉर्ड या लॉग अवश्य रखें, जैसे कि सुबह घर से निकल कर और वापस काम ख़त्म करके जब आप घर लौटे तो कहां कहां गए, इसका दिनांक समेत रिकॉर्ड रखें और ज़रा सी भी तबीयत ख़राब होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।
इस परीक्षा की घड़ी में सभी पत्रकार बंधु अपने पत्रकारिता धर्म को निभाने के साथ अपने स्वास्थ्य का व अपने नागरिक धर्म का भी बहुत खयाल रखें।
यदि आपको सुझाव ठीक लगें हो तो अधिक से अधिक पत्रकार बंधुओं तक पहुंचा कर सभी को सजग व सावधान रखने में मेरी सहायता करें।
सौजन्य:-
अगर 🙏आप सभी पत्रकार बंधुओं को अच्छा लगे तो शेयर करें नहीं तो क्षमा चाहते हैं। निवेदक- आपका भाई और साथी पत्रकार देवाशीष शर्मा व मयंक शर्मा उत्तरप्रदेश के साथ राजेश कुमार वर्मा समस्तीपुर, बिहार ।
प्रस्तुति: मिथिला हिन्दी न्यूज टीम, बिहार
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma