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जिला प्रशासन के द्वारा प्रथम जल जीवन हरियाली दिवस मनाया गया


बिहार सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल जीवन हरियाली दिवस आयोजित करने के तहत जिला प्रशासन ने प्रथम कार्यक्रम आयोजित किया

राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 03 मार्च,20 ) । समस्तीपुर जिला प्रशासन को बिहार सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार पूर्वाह्न 11:00 बजे से 12:00 बजे तक "जल जीवन हरियाली" दिवस आयोजित करने का निर्देश ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त है। बिहार सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल जीवन हरियाली दिवस आयोजित करने के तहत जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया । आज 03 मार्च 2020 को समाहरणालय सभाकक्ष में प्रथम जल जीवन हरियाली दिवस जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में मनाया गया।
इस परिचर्चा में जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, डीटीओ, डायरेक्टर डीआरडीए, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, एनडीसी, डीपीओ जल जीवन हरियाली, एवं अन्य पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित थे। प्रथम जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर "सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत पर बल" विषय वस्तु पर परिचर्चा की गई।
कार्यक्रम के प्रथम 15 मिनट में उपस्थित प्रतिभागियों को जल जीवन हरियाली के सभी अवयवों के संबंध में जानकारी दी गई एवं उपरांत चयनित विषय पर परिचर्चा की गई।
कुछ जानकारियां जो परिचर्चा के दौरान साझा की गई वह निम्नलिखित है ।
बल्ब को ट्यूबलाइट पर जमी धूल को नियमित रूप से साफ करते रहे। वहीं फ्रिज का दरवाजा बार बार खोलने बंद करने से बिजली की खपत बढ़ती है। टीवी म्यूजिक सिस्टम टेप रिकॉर्डर आदि को स्टैंडबाई मॉड में ना रखें स्टैंडबाई मॉड में रखने पर 1 वर्ष में 70 यूनिट बिजली खर्च होती है।
गीजर में अधिकतम विद्युत खर्च होती है अतः उतना पानी गर्म करें जितनी जरूरत है थर्मोस्टेट की सेटिंग कम करके रखें।
रेफ्रिजरेटर को बाहरी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। वाशिंग मशीन में सालाना खपत का 20% भाग खर्च आता है इसमें धुलाई के लिए गर्म पानी का तापमान नियंत्रित कर विद्युत ऊर्जा की बचत की जा सकती है। हमेशा एनर्जी एफिशिएंट स्टार रेटिंग देख कर ही इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी करें। एसी की सेटिंग 24 डिग्री के आसपास रखें। एलईडी बल्ब का प्रयोग करें। मोबाइल लैपटॉप को रात भर चार्ज होने के लिए ना छोड़े। जहां तक संभव हो ऑफिस एवं घर में नेचुरल लाइट का प्रयोग करें। हमेशा आई एस आई मोहर लगे बिजली उपकरणों का और साधनों का प्रयोग करें। अपनी ट्यूबलाइट और बल्लू को ऐसी जगह लगाए जहां प्रकाश आने में दिक्कत ना हो। पानी की टंकियों में अलार्म सिस्टम का इस्तेमाल करें ताकि टंकी के भर जाने पर पानी बर्बाद होने से बचे। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें तथा गैर जरूरी पंखे लाइट ऐसी त्यागी उपकरणों को बंद रखें। आवासीय परिसरों की सड़क बच्चियों के लिए फोटोइलेक्ट्रिक कंट्रोल स्विच का उपयोग करना चाहिए। कमरे के लिए हल्के रंग के पदों का प्रयोग करें एवं अंदर के रंग भी हल्के रखें ताकि कम रोशनी में भी कमरे में जरूरत के अनुसार प्रकाश हो। खाना बनाने हेतु बिजली के स्थान पर सोलर कुकर व पानी गर्म करने हेतु गीजर के स्थान पर सोलर वाटर हीटर का उपयोग कर हम बहुमूल्य विद्युत ऊर्जा का संरक्षण कर राष्ट्रहित में भागीदारी बना सकते हैं। वहीं 
इस बैठक के दौरान जिला अधिकारी द्वारा निम्नलिखित बिंदुओं की समीक्षा एवं विचार विमर्श की गई। समाहरणालय एवं अन्य कार्यालयों में मीटर और सभी शाखाओं में सब मीटर लगाना सुनिश्चित करें।
साथ ही मासिक बिजली खपत का डाटा उपलब्ध इस परिचर्चा में कराएं । वहीं जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने शाखावार रिपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया तथा उपलब्ध कराए हुए डाटा की तुलना कर समीक्षा की। इसके साथ ही अगली बैठक से पिछले वर्ष से तुलना के साथ-साथ पूर्व के महीने में बिजली की खपत से तुलना की जाएगी तथा ऊर्जा खपत को कम करने हेतु बेस्ट प्रैक्टिसेज अपनाए जाएंगे। उपरोक्त वक्त्वय आज की प्रथम जल जीवन हरियाली दिवस के मौके पर अधिकारियों ने दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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