बिहार में कोरोना वायरस का साइड इफेक्ट के कारण प्रशासन ने सभी पूजा समितियों को निर्देश दिया है कि इस बार नदी और तालाबों के किनारे छठ व्रत नहीं कराएं। इस पर पूजा समितियां सहमत हो गई हैं। प्रशासन ने रामनवमी पर निकलने वाली शोभा यात्रा एवं जुलूस को भी रद्द कर दिया है। डीएम कुमार रवि ने सभी एसडीओ, सीओ, बीडीओ और थानेदारों को निर्देश दिया है कि अपने अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक कर लें, जिसमें नवरात्र में मंदिरों में होने वाली भीड़, रामनवमी पर आयोजित होने वाली शोभायात्रा और जुलूस को रद्द करने से संबंधित चर्चा होगी।बिहार के सभी मंदिरों को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। एक जगह श्रद्धालुओं के जुटने से कोरोना वायरस का संक्रमण न फैल सके, इसके लिए धार्मिक ट्रस्ट बोर्ड ने शनिवार को यह आदेश जारी किया है। ट्रस्ट से करीब 4,500 मंदिर जुड़े हुए हैं। उनसे 'चैन नवरात्रि' और 'चैत्र छठ' पर कार्यक्रम न आयोजित करने को कहा गया है। साथ ही मंदिर परिसरों को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश हैं। आदेश के बाद, पटना जंक्शन पर मौजूद महावीर मंदिर ने श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया है।आदेश के अनुसार, मंदिरों में महंत या मुख्य पुजारी विधि-विधान के अनुसार रोज पूजा कर सकते हैं। हालांकि उनके साथ बहुत कम लोग होने चाहिए। पटना के डीएम ने गंगा घाटों पर 'चैत्र छठ' मनाने पर रोक लगा दी है और लोगों से घर से ही अनुष्ठान करने को कहा है।