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बिहार - झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन एफ. एम. आर. ए. आई.सी. आई. टी. यू. के प्रतिनिधियों ने वैश्विक त्रासदी के लॉकडाउन के दौरान दवा कंपनियों के द्वारा दवा प्रतिनिधियों का मानसिक शोषण के संबंध का लगाया आरोप


राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 29 मार्च,20 ) । बिहार - झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन जो कि अखिल भारतीय फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं सीटू से मान्यता प्राप्त संगठन है, सभी सदस्य जो की दवा प्रतिनिधि जिसे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव या सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के नाम से जाने जाते हैं l
जहां देश एवं दुनिया वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस से लड़ रहा है दुनिया के विभिन्न राष्ट्र लॉकडाउन कर रखी है भारत में भी लॉकडाउन है, वहीं दूसरी तरफ दवा कंपनियां अपने दवा प्रतिनिधियों को सेल्स टार्गेट को लेकर मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रही है l जहां देशभर में लॉकडाउन है और देश की जनता को घर पर रहने का आदेश दिया गया है वही दवा कंपनियां इन आदेशों का उल्लंघन करने के लिए अपने कर्मचारियों को मजबूर कर रही है l एक दवा प्रतिनिधि का काम कंपनी के दवा को चिकित्सकों को दवा प्रमोट करना है l दवा प्रतिनिधि सेल्स प्रमोशन एम्पलाई (कंडीशन ऑफ सर्विस) एक्ट 1976 के अंतर्गत आते हैं l लॉक डाउन के दौरान दवा कंपनियां *"वर्क फ्रॉम होम"* के बहाने से अपने दवा प्रतिनिधियों से अनैतिक कार्य कर रही है, घर बैठे दवा विक्रय प्रतिनिधियों के द्वारा चिकित्सकों को टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सएप मैसेज, टेलीफोन कॉल करके चिकित्सकों को परेशान उनके काम में बाधा डालने पर मजबूर कर रही है । लॉक डाउन के दौरान घर बैठे दवा प्रतिनिधियों को उनको वीडियो बनवा कर मंगवाई जा रही है । जो कि एक अनैतिक कार्य है तथा प्राइवेसी एक्ट के विरुद्ध है l सेल्स प्रमोशन एम्पलाई (कंडीशन ऑफ सर्विस) एक्ट - 1976, के अंतर्गत कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, और इस तरह का प्रैक्टिस सीधा सीधा दवा प्रतिनिधियों के गोपनीयता पर हमला है तथा सेल्स प्रमोशन एम्पलाई एक्ट का उल्लंघन भी है, साथ ही साथ भारत सरकार के आदेश का भी उल्लंघन है l 
बी.एस.एस.आर. यूनियन समस्तीपुर इकाई प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय से अपील करता है कि जो भी दवा कंपनियां इस तरह का अनैतिक कार्य कर रही है, तथा कानून का उल्लंघन कर रही है, वैसे दवा कंपनियों जो इस वैश्विक महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों का वेतन काटती है, छंटनी, तबादला, टर्मिनेशन या किसी प्रकार का प्रताड़ना के दृष्टिकोण से कार्य करती है, वे सभी दवा कंपनियों तथा दवा कंपनियों के मालिक एवं प्रबंधकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए तथा दोषी व्यक्तियों को कम से कम 1 वर्ष का कारावास का प्रावधान हो । प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दवा कंपनियों के मालिकों से अनुरोध किया है कि राष्ट्रहित में लॉक डाउन का समर्थन करें तथा जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है अपने दवा प्रतिनिधियों का अनैतिक कार्य करने के लिए दबाव नहीं बनाएं तथा उनका मानसिक शोषण न करें l उपरोक्त जानकारी श्याम सुंदर कुमार सचिव बी.एस.एस.आर. यूनियन जिला इकाई समस्तीपुर के द्वारा पत्रकारों को दिया गया। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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