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मां शैलपुत्री को समर्पित है नवरात्र का पहला दिन

शमशेर बहादुर 

खगड़िया, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 25 मार्च,20 ) । पौराणिक कहानी में जानें किस देवी का अवतार है माता नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा  के प्रथम रूप *शैलपुत्री* का पूजन किया जाता है। मान्य्ता है कि शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं। नवरात्रि में शैलपुत्री पूजन का विशेष महत्व् है। हिन्दू् पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इनके पूजन से मूलाधार चक्र जाग्रत हो जाता है। कहते हैं कि जो भी भक्ता श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है उसे सुख और सिद्धि की प्राप्तिा होती है
मां शैलपुत्री कौन थी ?........
पौराणिक कथा के अनुसार मां शैलपुत्री अपने पिछले जन्म में भगवान शिव की अर्धांगिनी (सती) और दक्ष की पुत्री थीं। एक बार जब दक्ष ने महायज्ञ का आयोजन कराया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया, परंतु भगवान शंकर को नहीं बुलाया गया। उधर, सती यज्ञ में जाने के लिए व्याकुल हो रही थीं। शिव ने उनसे कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है लेकिन उन्हें नहीं। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है। सती का प्रबल आग्रह देखकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो वहां उन्होंने भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव देखा। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक शब्द कहा। इससे सती के मन में बहुत पीड़ा हुई। वे अपने पति का अपमान सह न सकीं और यज्ञ की अग्निा से स्वयं को जलाकर भस्म कर लिया। इस दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने उस यज्ञ को विध्वंस कर दिया। फिर यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं।
कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
1-नवरात्रि के पहले दिन स्नाान करने के बाद स्वैच्छक वस्त्र  धारण करें।
2– पूजा के समय पीले रंग के वस्त्रर पहनना शुभ माना जाता है।
3– शुभ मुहूर्त में कलश स्थावपना करने के साथ व्रत का संकल्पव लिया जाता है।
4– कलश स्थारपना के बाद मां शैलपुत्री का ध्यान करें।
5– मां शैलपुत्री को घी अर्पित करें। मान्याता है कि ऐसा करने से आरोग्य का फल मिलता है।
6– नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री का ध्यातन मंत्र पढ़ने के बाद  स्तोत्र पाठ और कवच पढ़ना चाहिए।
7– शाम के समय मां शैलपुत्री की आरती कर प्रसाद बांटें।
8– फिर अपना व्रत खोलें।
इस मंत्र का करें जाप
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा शमशेर बहादुर की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।

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