चर्चित निर्भया कांड के दोषी बिहार के लहंग कर्मा गांव के रहनेवाले अक्षय ठाकुर के फांसी के बाद यहां अजीब सन्नाटा पसरा हुआ है. फांसी का खबर सुनते ही परिवार के हर सदस्य की आंखे नम हो उठती है. जब कुछ लोगों से अक्षय के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो कोई बोलने को तैयार नही हुआ, पूछने पर पता चलता हैं कि अक्षय की पत्नी अपने मासूम पुत्र और देवर के साथ दिल्ली में मिलने के लिए गयी हैं.अक्षय के पिता सरयू सिंह, मां, बड़े भाई ने इसे अपनी नियति मान ली है, उनकी आंखों के आंसू सूख चुके है. लिहाजा बेटे और भाई की फांसी की सजा बरकरार रखे जाने की खबर को सुनकर उन्होने अपने कलेजे को और कड़ा करते हुए चुप्पी साध ली
डेथ वारंट जारी होने के बाद अक्षय के गांव में अजीब सन्नाटा छाया है कोई भी ग्रामीण इस मसले पर कुछ नहीं बात करना चाह रहा है. अक्षय के परिवार में भी चूल्हा-चौकी लापरवाह बनी हुई है. जीवन के आखिरी पड़ाव पर खड़े पिता सरयू सिंह शांत पड़ गए है. उनके अंदर बेटे को खोने की टिस तो है लेकिन वो भी जानते हैं कि बेटे ने जो अपराध किया वो अक्षम्य है. मिडिया रिपोर्ट के अनुसार गांव के कुछ युवकों ने बताया अक्षय का नाम लेते ही कहा कि उसका नाम लेना बेकार है. उसने पूरे गांव की बदनाम कर दिया है. गांव की इज्जत उसने मिट्टी में मिला दी है. अक्षय के कारनामों से ग्रामीणों में गुस्सा भी था. क्योंकि अक्षय के कारण इस गांव की बदनामी हुई. बता दें कि आज सुबह साढ़े पांच बजे निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दिया गया. दोषियों के वकील ने बचाने के लिए सभी हथकंडे काम नहीं आए और फांसी हो गई.