पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 मार्च,20 ) । बिहार में शिक्षकों की हड़ताल ( शिक्षक हड़ताल ) से पूरी शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है । सरकार की हर चेतावनी भी बेअसर साबित हो रही है । प्रारम्भिक स्कूलों ( मध्यविधालय ) के नियोजित शिक्षक लगातार 14वें दिन हड़ताल पर डटे हुए हैं । वहीं पिछले चार दिनों से हाई और प्लस-2 के हड़ताली शिक्षक अब शर्त के साथ वार्ता के लिए तैयार हुए हैं । बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा है कि अगर सीएम नीतीश कुमार खुद माध्यमिक, प्रारम्भिक और वित्त रहित शिक्षकों के साथ वार्ता को तैयार होते हैं तो हमलोग वार्ता करेंगे लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर भी विचार करना होगा ।
'शिक्षकों का निलंबन वापस ले सरकार'
शत्रुघ्न सिंह ने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब शिक्षा विभाग पर शिक्षक संघ को भरोसा नहीं है । इसीलिए सूबे के मुखिया अगर चाहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटे तो सबसे पहले सभी शिक्षकों के विरुद्ध हुई निलम्बन, एफआईआर और बर्खास्तगी की कार्रवाई को वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो राज्यभर के शिक्षकों का आंदोलन न सिर्फ तेज होगा बल्कि उग्र भी होगा ।
शिक्षक संघ ने उठाए सवाल
शिक्षक संघर्ष समिति के नेता आनंद मिश्रा, मार्कण्डेय पाठक, वंशीधर ब्रजवासी और आनंद कौशल ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि असंवैधानिक तरीके से सरकार शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नियोजन इकाई में भी हस्तक्षेप कर रही है जो कि कहीं भी नियमों के अनुकूल नहीं है ।
सरकार की है जिम्मेदारी
शिक्षक संघ ने साफ कहा है कि 76 हजार प्रारम्भिक स्कूलों में पठन-पाठन ही ठप नहीं है, बल्कि बच्चों का पाठ्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है । ऐसे में बच्चे बिन पढ़े इम्तिहान भी देंगे तो कैसे देंगे ।अगर बच्चों के भविष्य पर बुरा असर पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी । समान वेतनमान की मांग को लेकर सीएम नीतीश ने भी साफ कह दिया है कि किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं मिलेगा ।
शिक्षा विभाग ने दी चेतावनी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि सरकार शैक्षणिक माहौल खराब करने और मूल्यांकन बाधित करने पर किसी को माफ नहीं करनेवाली है । जो भी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है । बता दें कि समान वेतनमान की मांग को लेकर सीएम नीतीश ने भी साफ कह दिया है कि किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं मिलेगा । वहीं शिक्षा विभाग समस्तीपुर द्वारा 793 शिक्षकों को कॉपी जांच में लगाया गया है जिसमें से मात्र 398 शिक्षकों ने योगदान दिया है ।समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित समर न्यूज की रिपोर्टिंग।।