समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 अप्रैल,20 ) । बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य सह युवा नेता सिद्धार्थ शंकर ने माननीय मुख्यमंत्री से वैश्विक आपदा की इस घड़ी में मानवता के आधार पर नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लंबित मांगों पर विचार करते हुए हड़ताल को समाप्त कराने की मांग की है।उन्होंने कहा की बिहार के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष अपने असुरक्षित भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से जुड़ी चिरप्रतीक्षित मांगों को लेकर 25 फरवरी से शांति पूर्ण अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं सरकारी कार्यों में असहयोग कर रहे हैं। आंदोलन करने पर विवश हुए आंदोलनकारी हड़ताली शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के मांगों पर सहानभूति पूर्वक विचार करने के बजाय सरकार के द्वारा कार्यरत अवधि का वेतन जिला कोषागार में आवंटन की उपलब्धता के बावजूद भी रोक दिया गया है और उनके बकाये का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप वेतन से वंचित सभी शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को कोरोना महामारी जैसी संकट की घड़ी में उनके दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विषम आर्थिक परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है । जिसका खामियाजा नियोजित शिक्षकों के परिवार तथा उनके बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील की है कि जो शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष अपनी प्रतिभा से इस बिहार के भावी पीढ़ी को संवारने का काम कर रही है वह भी इस देश और राज्य के हीं नागरिक हैं । एक तरफ जहां सरकार सभी देशवासियों /राज्य के नागरिकों को सुरक्षित करने हेतु निशुल्क या अनुदानित दर पर खाद्यान्न मुहैया करा रही है, वहीं हमलोगों के कार्यरत अवधि का वेतन रोक कर हम सभी को भुखमरी के कगार पर पहुंचा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।सरकार के अड़ियल रवैया के कारण कई शिक्षक हड़ताल अवधि में आर्थिक तंगी के कारण असमय हीं कालकलवित हो गए हैं । सरकार यदि अभी भी अपने हठी रवैया का त्याग नहीं करती है तो लाखों शिक्षक और इनके परिवार के सदस्य महामारी एवं आर्थिक तंगी के दो तरफा प्रहार से निश्चित हीं असामयिक मृत्यु के शिकार हो जाएंगे, जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।
श्री शंकर ने मुख्यमंत्री से वैश्विक आपदा की इस घड़ी में मानवता की रक्षा को देखते हुए शिक्षकों द्वारा अनवरत जारी विवशता वश किये गए हड़ताल को समाप्त करने की पहल के लिए अपनी संवेदनशीलता को जागृत करने की बात कही। साथ ही अन्य विभाग में कर्मियों की तरह शिक्षको को भी कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान जल्द से जल्द करने तथा नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों की मांग को मानते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के साथ बातचीत कर हड़ताल को छात्र हित,राज्यहित तथा शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के हित में अविलंब खत्म करने की मांग की। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सुदर्शन कुमार चौधरी की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma