सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव याचिका) सोमवार को खारिज कर दी। पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। निर्भया मामले में चारों दोषियों को तीन मार्च की सुबह फांसी होनी है।पीठ ने कहा कि याचिका के लिए कोई आधार नहीं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने चेंबर में विचार कर फैसला लिया है. दोषी पवन ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने की मांग की थी. जस्टिस एम वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण विचार करेंगे. आपको बता दें कि 3 मार्च को निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होनी है. बाकी तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है. पवन ने अभी दया याचिका भी नहीं लगाई है. वहीं पटियाला कोर्ट में एक दूसरे दोषी अक्षय ने 29 फरवरी को दोबारा याचिका लगाई है. जबकि जेल अथॉरिटी ने कहा कि पवन को छोड़कर सभी के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं. ये जानबूझकर मामले को देरी कर रहे हैं. कोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को भी फटकार लगाई है.