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बिहार में कोरोना के खौफ के बाद बर्ड फ्लू की भी दस्तक

संवाद

बिहार में कौओं के मरने का दौर जारी है. बिहार के कई जिला में कौओं के मरने का मामला सामने आया. सूचना के बाद पशुपालन निदेशालय की डाक्टरों व कर्मियों की टीम ने मौके पर पहुंच का मरे पक्षियों को हटाया गया. जगह को सैनिटाइज किया गया. राज्य में बर्ड फ्लू व स्वाइन फ्लू की रोकथाम के मद्ददेनजर सर्तकता बढ़ा दी गई है। ऐसा निरंतर बदल रहे मौसम और हाल में एक नमूने की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद किया गया है। पशुपालन विभाग हालांकि अभी स्वाइन फ्लू के मामलों से इंकार कर रहा है पर उसकी एनीमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन इंस्टीच्यूट स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत होने के बात स्वीकार कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पिछले दो माह में पटना समेत राज्य के कुछ हिस्सों में कौओं और सुअरों की अचानक मौत के बाद उनके सैम्पल जांच के लिए कोलकाता भेजे गए थे। राजधानी के लोहियानगर मोहल्ले में गत 15 फरवरी को कौए की मौत की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू बीमारी की पुष्टि हुई है। बी-26 बीडी सिंह के घर के निकट अचानक कौओं की मौत के बाद वहां से दो बार सैम्पल जांच के लिए भेजे गए। दोनों बार ही इस बीमारी यानी एवियन्स इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई। इसी प्रकार पटना सिटी और भागलपुर के कुछ क्षेत्रों में सुअरों की मौत के पीछे स्वाइन फीवर बीमारी की बात कही जा रही है। संस्थान के वेटनरी डॉक्टरों के मुताबिक स्वाइन फीवर भी स्वाइन फ्लू की भांति नुकसानदेह होता है। सूचना मिलने के बाद भागलपुर वेटनरी डॉक्टरों की टीम भेजी गई और वहां के सैम्पल जांच के लिए कोलकाता भेजा गया। अब तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई है। 

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