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कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा पशुओं को भुगतना पड़ रहा है


मवेशी के समक्ष भुखमरी का संकट,महिलाएं निकल रही घास के जुगाड़ में - सुरेंद्र

भूसा, चोकर, खल्ली का भी आना- जाना बंद,उपलब्ध सामग्री पशुपालकों के बीच बंटबाएं प्रशासन- माले

राजेश कुमार वर्मा

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 26 मार्च, 20 ) । कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा पशुओं को भुगतना पड़ रहा है । उसे खाने का चारा का घोर आभाव है । मध्यम वर्गीय पशुपालक तो अपने खेत से या घर में रखे चारा से किसी तरह काम चला रहे हैं हलाकि उनके लिए भी खल्ली, चोकर, भूसा, पुआल का आना- जाना बंद समस्या बना हुआ है लेकिन गरीब लोग जो प्रतिदिन घास छिलकर अपने मवेशी के लिए चारा का व्यवस्था करते थे, उनके मवेशी के सामने भुखमरी की नौबत आ पड़ी है । शहर के विवेक- विहार मुहल्ला में जान जोखिम में डालकर अपने मवेशियों के लिए घास छिलने मुसापुर पंचायत की रेशमा देवी, रजिया देवी, भुईधारा की रूनिया देवी, ललिया देवी आदि ने मवेशियों की कष्ट की वहां करते उनकी आंखें भर आई ।
 हाल जानने के लिए फोन से बात करने पर मवेशी की चारा बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि दुकान में सामग्री है पर प्रशासन द्वारा दुकान खोलने की ईजाजत नहीं है ।
  इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सह भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जिलाधिकारी एवं अनुमंडलाधिकारी के साथ सरकार में मवेशी के लिए खल्ली, भूसा, पुआल आदि उपलब्ध कराने की मांग की हे साथ ही पुलिस की देखरेख में पशु आहार की दुकान निर्धारित समय के लिए खोलवाने की मांग की है ताकि पशुओं को भूखमरी से बचाया जा सके । उन्होंने इस आशय की जानकारी वाट्सएप के माध्यम से जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक आदि को दिया है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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