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परिवार नियोजन जागरूकता के लिए घर घर जाएंगी आशा कार्यकर्ता


होली के मौके पर आशा कार्यकर्ता लोगों को परिवार नियोजन के फायदे बताएंगी

सरकार की पहल तथा केयर इंडिया के सहयोग से जिले के सभी पीएचसी में आशा कार्यकर्ताओं को दी गई ट्रेनिंग

राजीव रंजन कुमार

सहरसा,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 09 मार्च, 20 ) । सहरसा जिले के सभी पीएचसी में दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन के लिए लोगों को जागरूक करने को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के दौरान आशा को बताया की होली के मौके पर बाहर के प्रदेशों में कमाने वाले लोग अपने घर पहुंचे हैं जिन्हें किस प्रकार परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना है। इसके बारे में बताया गया। इसी के तहत जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केयर इंडिया के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में परिवार नियोजन से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में आशा कार्यकर्ताओं को विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान केयर इंडिया परिवार नियोजन समन्वयक सरवन कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि वे अपने पोषक क्षेत्र के वैसे लाभार्थियों की सूची तैयार करें, जो शादीशुदा हो और गांव से बाहर रोजी रोजगार की तलाश में रहते हैं। फिर उनके यहां गृह भ्रमण कर उनकी पत्नियों को परिवार नियोजन के बारे में विस्तृत जानकारी देना है।
*बच्चों में 2 से 3 साल का हो अंतराल
जैसे पहला गर्भधारण 20 वर्ष की उम्र के बाद हो और 2 बच्चों में 3 साल का अंतर हो। महिला को गर्भवती होने से पहले उनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा कम से कम 12 प्रतिशत से कम हो, तो उसके लिए गांव की आंगनवाड़ी केंद्र से आयरन की गोली ले। फिर परिवार नियोजन की अस्थाई विधि जैसे गर्भनिरोधक गोली के साथ परिवार नियोजन की अस्थाई विधि गर्भनिरोधक सुई, कंडोम तथा स्थाई विधि जैसे बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दें।
*कम अंतराल पर बच्चे होने का नुकसान
आशा कार्यकर्ता गांव गांव जाकर लोगों को यही बताएंगे कि लगातार बच्चे होने से महिला के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बच्चों की उचित देखभाल नहीं होने से उनके कुपोषित अथवा बार-बार रोग ग्रस्त होने की संभावना रहती है। बच्चे स्वस्थ होंगे तो इलाज पर खर्च बढ़ेगा और परिवार पर भी आर्थिक बोझ पड़ेगा।
*स्वस्थ जीवन से जुड़ी लोगों को लोगों को दी जाएगी जानकारियां 
केयर इंडिया के डीटीएल रोहित रैना ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में स्वस्थ जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच परिवार नियोजन संबंधित बातचीत के माध्यम से निर्णय लेने के बारे में जागरूक करना, गांव स्तर तक आशा द्वारा प्रवासी पुरुष के परिवार से मिलकर उन्हें स्वस्थ जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी देना और इच्छुक लाभार्थी को परिवार नियोजन संबंधित सेवाओं से जोड़ना है। साथ ही आने वाले पुरुष बंध्याकरण पखवाड़ा में लाभार्थी को परिवार नियोजन संबंधी सेवा से जोड़ना है।
जिन्हें दो बच्चे हैं उन्हें समझा-बुझाकर परिवार नियोजन कराने की दी सलाह
जिला सविल सर्जन डॉ ललन प्रसाद सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं को अपने पोषक क्षेत्र के लाभार्थियों को परिवार नियोजन संबंधी जागरूक बनाने की दिशा में प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि होली के त्योहार में बाहर रहने वाले पुरुष अपने घर वापस आते हैं इस दौरान उनके द्वारा बनाए गए शारीरिक संबंध से अनचाहे गर्भ ठहरने की संभावना बनी रहती है । इससे बचाव के लिए ऐसे जोड़े की काउंसलिंग कर उन्हें परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दी जा सकती है । खासकर वैसे जोड़ें जिन्हें दो बच्चे हैं उन्हें समझा-बुझाकर परिवार नियोजन के लिए तैयार किया जा सकता है । इस संबंध में स्थाई एवं अस्थाई उपाय की भी जानकारी दी गई। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।

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