दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 29 मार्च,20 ) ।
रोग तय करता है मृत्यु से पहले और मृत्यु के बाद का दृश्य । यह सुनकर थोड़ा आपको अजीव सा जरूर लगेगा परन्तु अब वास्तविकता को समझना होगा।
कोरोना वाइरस जैसे महामारी ने बहुत ही तेज़ी से अपना जाल बनाते हुए फैला लिया है, जिससे दुनिया भयभीत होने लगा है। पूरी दुनियां एक जुट होकर इस रोग पर काबू पाना चाहती है हो सकता है सफलता मिल जाय। लेकिन यह बात तो तय है इस रोग ने इतना भयभीत कर दिया है जिससे लोग अब अपनों से भी दूरी बनाने लगे है, यानी उन्हें अपने जीवन में मृत्यु से भय होने लगा है, जिस कारण रहन सहन में और अधिक बदलाव देखा जा सकता है। लोग एक दूसरे से दूरियां बनाने लगे है और आने वाले समय में लोगों की अभ्यास बन जाएगी लोग सिर्फ अपने तक ही सीमित रहेंगे। जब कभी शरीर अस्वस्थ होता था लोग एक दूसरे की खबर लेने पहुंचते थे परन्तु अब सायद आने वाले दिनों में धीरे धीरे ऐसा नहीं देखा सकता कारण अति अतिशीघ्र मृत्यु का भय दिल और दिमाग में बैठा हुआ होगा। अब मृत्यु के बाद जो हाल होगा वह स्थिति भी दर्द भरी होगी जो अभी से दुनियां के कई हिस्सों में देखी जा सकती है, लोग शव के संस्कार में जाने से घबरा रहे है यहां तक कि अंतिम संस्कार में वहां के सरकार तय करती है कि क्या और कैसे अंतिम संस्कार किया जाय।
भारत में भी दिल्ली में हाल ही में एक महिला की मृत्यु कोरोना वाइरस के कारण हुआ जिसके अंतिम संस्कार में लोगों ने जाने से मना कर दिया जिसके बाद सरकार द्वारा डाक्टरों की देख रेख में महिला का अंतिम संस्कार हुआ। भारत से बाहर कई घर ऐसे है जिनका परिजन का मृत्यु कोरोना वाइरस से हुआ जिसके बाद लोग संस्कार में जाने से मना कर रहे है, जिस घर में इस तरह का विपत परा है लोगों से मदद मांग रहे है फिर भी लोग संस्कार में जाने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में वह घर कई दिनों से स समसान बना हुआ है।
कहने का तात्पर्य यह है कि शरीर स्वस्थ है तो सब कुछ है अस्वस्थ होने के बाद आपका सहारा अब कोई नहीं है यहां तक कि मृत्यु के बाद का स्थिति मृत्यु से पहले ही आभास हो जाएगा। अब तो रोग ही तय करेगा मृत्यु से पहले और मृत्यु के बाद का सफर। हम यह जरूर कहेंगे सतर्क रहिए सुरक्षित रहिए। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा ज्योतिष पंकज झा शास्त्री के आलेख सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar Verma
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