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गर्भावस्था के अंतिम समय है तो कर लें मुक्कमल तैयारी

• आशा- आंगनबाड़ी व एम्बुलेंस का नंबर हमेशा रखे साथ
• बिना किसी संकोच नजदीकी अस्पताल से करें संपर्क
• घबराएँ नहीं आपातकाल सेवा पहले की तरह चालू है 

राजीव रंजन कुमार

छपरा/सारण,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 27 मार्च,20 ) । कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू कर दिया गया है। ऐसे में किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं है । इस दौरान गर्भवती महिलाओं का उचित देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। विशेषकर जिन महिलाओं के गर्भावस्था का अंतिम माह चल रहा हो, उनके लिए यह बहुत कठिन समय है। लेकिन इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए सावधानियों के साथ कुछ तैयारियां जरूरी है। सबसे पहले गांव की आशा की मोबाइल नंबर, डॉक्टर का मोबाइल नंबर , एम्बुलेंस का नंबर रखना बहुत जरूरी है। घर के परिजनों को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहने की भी जरूरत है. ऐसे जिले में लॉकडाउन की स्थिति में सभी इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया है ताकि आम लोगों को आपातकाल परिस्थिति में समस्या न हो.    
क्या कहती है विशेषज्ञ:
सदर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीला सिंह ने बताया गर्भावस्था के अंतिम समय मे रूटीन चेकअप के लिए बाहर नहीं जाना है। बाहर वाले के संपर्क में आने से हर हाल में बचना है. जिस व्यक्ति को सर्दी - खांसी हो उससे दूर रहने की आवश्यकता है।
इन अवस्था मे डॉक्टर से जांच कराएं:
• पेट में रुक रुक कर दर्द होने पर
• बच्चे के मूवमेंट कम होने या नहीं होने पर
• गर्भावस्था का समय पूरा हो गया हो तब
• ब्लीडिंग होने पर 
• •बुखार व सर्दी खांसी होने पर 
आशा कार्यकर्ता से करें संपर्क: 
यदि गर्भावस्था का आखिरी माह चल रहा हो, तो अभी से सतर्क हो जाएँ. अभी से ही गांव की आशा से लागातर संपर्क बनाए रखें। गांव की आशा को भी निर्देश दिया गया है कि वह गांव गर्भवती महिलाओं से संपर्क कर फॉलोअप करते रहें। यह सोच कर संकोच ना करें कि लॉकडाउन की स्थिति में आशा कार्यकर्ता द्वारा सहयोग नहीं किया जाएगा.   
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाएं: 
अगर किसी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। एंबुलेंस की सुविधा के लिए टॉल फ्री नंबर 102 या प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी या बीएचएम से संपर्क करें। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंडो के एमओआईसी व बीएचएम का मोबाइल नंबर जारी किया गया है।  
24x7 घँटे चालू है इमरजेंसी सुविधा:
सिविल सर्जन डॉक्टर माधवेश्वर झा ने बताया कि लॉक डाउन के बाद सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है। लेकिन इमरजेंसी सेवा को चालू रखा गया है इमरजेंसी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। जिस अस्पताल में प्रसव की सुविधा है । वहां पर यह सुविधा 24 घंटे मिलेगी।
गर्भावस्था के अंतिम समय में इन तैयारियों को करें पूरा: 
• आशा कार्यकर्ता को पूर्व में फ़ोन से सूचित कर दें 
• अस्पताल जाने से पूर्व साफ़ तौलिया एवं कपडे जरुर रखें 
• नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की पहचान कर लें 
• भीड़ लगाकर अस्पताल में ना जाएँ 
• अस्पताल जाने के बाद लोगों से दूरी बनाएं रखें 
• परिवार के बीमार सदस्य अस्पताल नहीं जाएँ 
• पास में हैण्ड वाश या साबुन रख लें । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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