सीवान,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 12 मार्च,20 ) । भले ही पुरा भारत होली मे गुलाल उडाते नजर आया वही मध्य प्रदेश में कुछ नेताओं का चेहरे का रंग उड़ते नजर आया। जहां हर साल की तरह इस बार भी माघ के बाद फाल्गुन चल रहा है तो वहीं मौसम का मिज़ाज क्या बदला और मध्य प्रदेश का राजनीतिक मिजाज भी बदल गया। आपकों बता दें कि मध्यप्रदेश का सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां कुछ नेता के रडार से गायब होने का और वापस लौट आने का दौर जारी है।वहीं होली के दिन ही कुछ नेताओं के चेहरे के रंग उड़ गए तो है ।तो कुछ कोरोना से डरे बिना होली में भगवा गुलाल उड़ाने में पीछे नहीं रहे जहां ये भी कहना गलत नहीं हैं की राजनीति में भी तो कुछ ही रंगों की भरमार है पर राजनीति में रंगों का घालमेल चलता है।जहां कोई आज स्याह है तो कल सफेद भी हो सकता है वहीं राजनीति में होली खेलने के लिए किसी पंचांग की जरूरत नहीं होती।् जब चाहो होली-दिवाली मना लो। नीली, पीली, लाल, भगवा, हरा, गुलाबी, सफेद सब अपने आप में अलग और एक-दूसरे से जुड़े हैं।पर राजनितिक मिजाज देख कर क्या लग रहा हैं क्या इसका प्रभाव बिहार के सियासत पर पड़ सकता हैं क्या बिहार के सियासत में भाजपा अकेले भगवा गुलाल उड़ायेगी या रंगों का घालमेल चलता रहेगा। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अभय पाण्डेय के साथ राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।