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दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट में हुए घटना जैसी घटना समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय ने घटित होने से अधिवक्ताओं के सूझ बुझ टली


कोर्ट कैंपस भिड़े पुलिस व अधिवक्ता किया हंगामा पुलिस ने अधिवक्ताओं पर उठाई लाठियां

विधि संवाददाता रवि शंकर चौधरी की रिपोर्ट

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 15 मार्च,20 ) । व्यवहार न्यायालय परिषद में शुक्रवार को स्थानीय पुलिस मुफस्सिल थाना के इंस्पेक्टर विक्रम आचार्य व अधिवक्ताओं में जमकर नोकझोंक हुई न्यायालय परिषद मे रंजन वर्मा को गिरफ्तार कर ले जा रही पुलिस के वाहन को घेर लिया । वहीं मुफस्सिल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की । जिससे आसपास काफी संख्या में अधिवक्ताओं के साथ साथ अधिवक्ता लिपिक लोगों की भीड़ जुट गई । पुलिस के साथ लगभग आधे घंटे तक नोकझोंक होती रही । वहीं सूचना पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारी के आश्वासन से मामले को शांत किया गया । पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित कराया । जानकारी के अनुसार अभियुक्त मुफस्सिल थाना कांड संख्या 468/14 मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोहनपुर का बताया गया है । आर्म्स एक्ट व हत्या मामले का आरोपी है । जिसकी पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी । उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था । शुक्रवार को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कोर्ट कैंपस से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया । उसे गाड़ी पर बिठाकर ले जा रही थी । इसी बीच अधिवक्ताओं ने पुलिस के वाहन को घेर लिया । उसे न्यायालय में प्रस्तुत करने की मांग कर रहे थे । लगभग आधा घंटे तक नोकझोंक हुई । सूत्र के अनुसार गत 03 दिन पूर्व ही न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उस आरोपित के घर कुर्की का इतिहास चिपकाया गया था । उसके विरुद्ध थाना कांड संख्या 468 तथा हत्या के मामले दर्ज हैं । अधिवक्ताओं का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाला था । तभी पुलिस उसे न्यायालय परिषद से गिरफ्तार कर लिया । पुलिस की कार्रवाई पर सभी अधिवक्ताओं में आक्रोश है तथा पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है की मुफस्सिल स्पेक्टर विक्रम आचार्य थाना अध्यक्ष को कोई कानून का ज्ञान नहीं है । न्यायालय परिषद में पुलिस वाला सादी वर्दी में आ कर और गिरफ्तार कर ले जाए । थाना अध्यक्ष विक्रम आचार्य ने जबरदस्ती रंजन वर्मा को कोर्ट में सरेंडर नहीं करने देने और जबरदस्ती गिरफ्तार कर ले जाने की कोशिश कर रहे थे । तभी अधिवक्ताओं का गुस्सा आक्रोश में बदल गया तथा नगर थाना अध्यक्ष सीताराम प्रसाद, प्रमोद कुमार ने एक बुजुर्ग अधिवक्ता पर लाठी भी चलाई । लेकिन सीताराम प्रसाद के आ जाने से हंगामा होने तथा पुलिस के द्वारा अधिवक्ताओं पर लाठी चलाने के विरोध होने पर विक्रम आचार्य गाड़ी छोड़कर भाग गए अधिवक्ताओं द्वारा कहा गया कि हम आरक्षी अधीक्षक से शिकायत करेंगे । विक्रम आचार्या का कहना है कि हमारी पहुंच नीतीश सरकार तक है । मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इस घटना से आक्रोशित अधिवक्ता संघ विक्रम आचार्य के स्थानांतरण का मांग कर रहे थे। अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर स्थानांतरण नहीं हुआ तो युवा अधिवक्ता कल्याण समिति संघ, जिला वकील संघ समस्तीपुर सड़क से लेकर सरकार तक आंदोलन करेंगे । वही अभियुक्त रंजन वर्मा के अधिवक्ता शिवराम चौधरी ने बताया कि एसीजेएम 02 की अदालत में हमने एक पेटीशन फाइल किया है । कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर से रिपोर्ट मांगी है और अभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया । समस्तीपुर कार्यालय से रविशंकर चौधरी की रिपोर्टिंग को राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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