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आज लोगों को अपने रहन सहन, खान पान और नित्य दिनचर्या के कार्य में बदलाव के साथ अभ्यस्त होना हो गया है जरुरी : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री


कोरोना महामारी के विषय में जिसका संकेत नारद संहिता में कई हज़ार वर्ष पहले ही किया जा चुका है इतना ही नहीं, विशिष्ट संहिता, वृहित संहिता में संकेत देखा जा सकता है।

आज जिस महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है इससे हम सभी को एक सिख मिला है कि मानव अपने गलती को स्वीकारते हुए सुधरने के लिए भी प्रयत्न करें।
साथ ही लोग अपने मानसिक स्थिति को मजबूत करते हुए भय मुक्त रहे और किसी भी तरह के अफवाहों से दूर रहे। 

राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 29 मार्च,20 ) । आज लोगों को अपने रहन सहन, खान पान और नित्य दिनचर्या के कार्य में बदलाव के साथ अभ्यस्त होना जरूरी हो गया है । समय ने हम सभी को संकेत देकर बदलने के लिए सूचित कर दिया है अब यह हम सभी को तय या निर्णय लेने की आवश्यकता है कि कैसे सांसारिक जीवन जिया जाए जिससे मानव और प्रकृति के साथ तालमेल बना रहे।
आज जिस महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है इससे हम सभी को एक सीख मिला है कि मानव अपने गलती को स्वीकारते हुए सुधरने के लिए भी प्रयत्न करें।
साथ ही लोग अपने मानसिक स्थिति को मजबूत करते हुए भय मुक्त रहे और किसी भी तरह के अफवाहों से दूर रहे। आजकल कोरोना जैसे महामारी को बहुत ही भयावह बनाकर सोशल मीडिया पर संदेश भेजे जा रहे है, हां यह भी बात सही है कि किसी भी साधारण रोग को हल्के में नहीं लेनी चाहिए परंतु किसी भी समस्या का चिंता से रोग के प्रवलता को बढ़ाता है अतः समाधान हेतु चिंतन करने की आवश्यकता है।
अब बात करते है कोरोना महामारी के विषय में जिसका संकेत नारद संहिता में कई हज़ार वर्ष पहले ही किया जा चुका है इतना ही नहीं, विशिष्ट संहिता, वृहित संहिता में संकेत देखा जा सकता है।
ज्योतिषय दृष्टि से देखा जाय तो 8 अप्रैल 2020 को 1 डिग्री अंश 14 कला पर राहु के नक्षत्र निकल जाएंगे और अपने ही उप नक्षत्र में आएंगे तब से इस महामारी में कमी होने लगेगी कारण गुरु तब सूर्य के नक्षत्र और अपने उप नक्षत्र में आ जाएंगे। इसी के साथ भारत वर्ष के दशा की गणना 17 अप्रैल को राहु की गणना समाप्त हो जाएगा इसके समाप्त होते ही गुरु भुक्ती में होंगे शास्त्रों में गुरु को जीवों का कारक माना गया है।
विशिष्ट संहिता के अनुसार इस तरह के महामारी 03 से 07 मास तक रहती है। परन्तु फिर भी हम यह कह सकते है कोई भी संक्रमण यदि दुनिया में पूरी तरह फ़ैल जाता है तो उसे पूरी नियंत्रण करने में कुछ वक्त लग सकता है।
परंतु यह भी निश्चित है कि 17 अप्रैल के बाद से स्थिति में सुधार होना प्रारंभ हो जाएगा। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा पंकज झा शास्त्री
9576281913 की आलेख सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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